Deepfake: आजकल आपने डीपफेक वीडियो का नाम काफी सुना होगा. दरअसल, यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी जिसके जरिए किसी भी इंसान की फेक यानी नकली वीडियो बनाई जा सकती है, और वो वीडियो पहली नजर बिल्कुल असली लगती है. यह टेक्नोलॉजी एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से काम करती है. पिछले कुछ महीनों में ऐसी घटना कई लोगों के साथ हुई है. यहां तक की बॉलीवुड अभिनेत्री रश्मिका मंदाना और भारत रत्न से सम्मानित पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी इस डीपफेक टेक्नोलॉजी का शिकार बन चुके हैं.


डीपफेक टेक्नोलॉजी क्या है?


कुछ ही दिन पहले किसी ने इस टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल करके सचिन तेंदुलकर का एक नकली वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था, जिसमें सचिन किसी गेमिंग ऐप का प्रोमोशन करते हुए नज़र आ रहे थे, जबकि उन्होंने ऐसा कोई वीडियो बनाया ही नहीं था. सचिन खुद अपनी वीडियो देखने के बाद हैरान रह गए और उसके बाद उन्होंने उसे अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से पोस्ट करते हुआ लिखा कि यह नकली वीडियो है, और इसे लोगों को धोखा देने के लिए बनाया गया है. 




सचिन से पहले पुष्पा और एनिमल जैसे ब्लॉकबस्टर मूवी में काम कर चुकी अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का भी एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जो दिखने में असली लग रहा था. ऐसे में इस टेक्नोलॉजी का आप भी शिकार बन सकते हैं. आप ऐसी किसी नकली वीडियो को देखकर उसके झांसे में आ सकते हैं, और फिर आपका नुकसान हो सकता है. लिहाजा, आपको किसी भी वीडियो पर भरोसा करने से पहले यह जानना जरूरी होगा कि वो वीडियो असली है या नकली. आइए हम आपको बताते हैं कि असली या नकली वीडियो की पहचान कैसे करें.


डीपफेक वीडियो कैसे पहचाने?


मूवमेंट्स पर ध्यान दें: डीपफेक वीडियो में आप जिस इंसान को देख रह होंगे, उसकी एक्टिविटीज़ और मूवमेंट्स असाधारण होगी. उसमें आपको आम इंसान की तुलना थोड़ी भिन्नता नज़र आएगी.


चेहरे के भाव को ध्यान से देखें: वीडियो में दिखने वाले इंसान के चेहरे को ध्यान से देखें, उसमें आपको कुछ ऐसे एक्सप्रेशन्स देखने को मिल सकते हैं, जो आमतौर पर नहीं दिखते हैं.


आखों पर नज़र रखें: इसके अलावा आपको वीडियो में दिखने वाले इंसान की आंखों पर नज़र रखनी चाहिए. नकली वीडियो में अक्सर आखों की पलके या तो काफी तेजी से झपकती है या बिल्कुल ही नहीं झपकती है.


जानने वाले इंसान की भाषा पर ध्यान दें: अगर आप नकली वीडियो में दिखने वाले इंसान को अच्छे से जानते हैं, तो आप उसकी आवाज और बोलने की शैली पर ध्यान दें. आप नोटिस करें कि वीडियो में जिस शैली से इंसान बात कर रहा है क्या उसी शैली से आमने-सामने भी बात करता है. नकली वीडियो में आपको कुछ अंतर जरूर समझ आएगा.


ज़ूम करके चेक करें: अगर आप वीडियो को ज़ूम करके चेक करेंगे तो आपको वीडियो में दिखने वाले इंसान के चेहरे पर कुछ अज़ीब नज़र आएगा. दाढ़ी, मूंछ, भौमे, पहले, और सर के बाल नकली नज़र आ सकते हैं.


लिंप सिंक करके चेक करें: आप वीडियो में बोलने वाले इंसान के होथों पर ध्यान दें और देखें कि वो इंसान जो बोल रहा है क्या उसके होथ से वैसे ही शब्द निकल रहे हैं या नहीं. इसके लिए आप वीडियो की स्पीड स्लो करके चेक कर सकते हैं. डीपफेक वीडियो में आवाज़ को अलग से जोड़ा जाता है, ऐसे में कई बार इंसान की ऑडियो और वीडियो की सटिक टाइमिंग सही नहीं होती.


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