क्या है ये फोल्डिंग लेंस कैमरा? एपल अपने आईफोन 15 प्रो मैक्स में इसका कर सकता है इस्तेमाल!
एक्सपर्ट्स की मानें तो फोल्डिंग कैमरा सेटअप में लेंस को 45 डिग्री पर लगाया जाता है. इसके चलते एक साथ कई सारे लेंस को फोन में फिट करने में मदद मिलती है.
Folding Camera Lens : एपल के प्रीमियम स्मार्टफोन का इंतजार हर साल दुनियाभर में कई लोग करते हैं. स्मार्टफोन के लॉन्च से पहले ही इसके कई स्पेसिफिकेशंस भी लीक हो जाते हैं. देखा जाए तो एपल सितंबर के महीने में अपने आईफोन की पेशी करती है. इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि iPhone 15 को सितंबर 2023 में लॉन्च किया जा सकता है. जैसा कि हमने बताया कि आईफोन के आने से पहले ही इसके स्पेक्स लीक होने लगते हैं. इसी से जुड़ी यह अफवाह सामने आ रही है कि इस बार iPhone 15 Pro Max मॉडल में फोल्डिंग कैमरा लेंस दिया जा सकता है. अब यह फोल्डिंग कैमरा लेंस क्या बला है..? इसके बारे में हम इस रिपोर्ट में बता रहे हैं.
फोल्डिंग कैमरा लेंस क्या है?
एक्सपर्ट्स की मानें तो फोल्डिंग कैमरा सेटअप में लेंस को 45 डिग्री पर लगाया जाता है. इसके चलते एक साथ कई सारे लेंस को फोन में फिट करने में मदद मिलती है. फोल्डिंग कैमरा सेटअप में पेरिस्कोप की तरह काम करने वाले मिरर और प्रिज्म का इस्तेमाल किया जाता है. इस पूरे कैमरा सेटअप में आपको 100X जूम सपोर्ट मिल सकता है. हालांकि, यह बस एक अनुमान है. वैसे देखा जाए तो, कुछ इस तरह का जूम ही पहले से सैमसंग के Samsung Galxy Ultra स्मार्टफोन में देखने को मिलता है.
पेरिस्कोपिक जूम लेंस का इस्तेमाल
पेरिस्कोपिक जूम लेंस का इस्तेमाल बड़ी नाव और पनडुब्बी में किया जाता था. इस लेंस की मदद से समुंद्र में दूर तक देखा जा सकता था, जिससे यह पता लगाया जाता था कि पनडुब्बी से समुद्र की सतह की गहराई कितनी है. एपल इस लेंस का इस्तेमाल करने वाला पहला ब्रांड नहीं है, बल्कि पेरिस्कोपिक जूम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल डिजिटल कैमरे में किया जाता रहा है. दरअसल, इस लेंस में अलग-अलग सेंसर फोटो को अलग-अलग तरीके से लेकर उसे एक साथ शानदार प्रोडक्ट देती है, जिससे काफी अच्छी फोटो कैप्चर होती है. इससे तस्वीर काफी खूबसूरत निकालकर आती है.
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