Pegasus Spyware: इजरायल की एक फर्म द्वारा बनाया गया पेगासस स्पाइवेयर एक बार फिर सुर्खियों में है. आखिरी बार भारत में लोगों ने इस स्पाइवेयर के बारे में 2019 में सुना था, जब कुछ व्हाट्सऐप यूजर्स को मैसेज मिला कि पेगासस ने उनके फोन को हैक कर लिया. जो इस स्पाइवेयर का शिकार हुए, उन लोगों में कई पत्रकार और एक्टिविस्ट शामिल थे. दुनिया भर में सरकारें इस स्पाइवेयर का काफी इस्तेमाल करती हैं. अक्सर खबरें आती हैं कि इसकी मदद से तमाम लोगों के फोन को हैक किया गया. लोग जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर यह क्या है और कैसे ये लोगों का फोन और व्हाट्सऐप हैक कर लेता है.
क्या है पेगासस?
पेगासस एक इजरायली कंपनी एनएसओ (NSO) ग्रुप द्वारा विकसित एक स्पाइवेयर है. यह पहली बार 2016 में सुर्खियों में आया था, जब एक अरब एक्टिविस्ट को एक संदिग्ध मैसेज मिलने के बाद इसको लेकर शक हुआ. माना जा रहा था कि पेगासस स्पाइवेयर आईफोन यूजर्स को टारगेट कर रहा था. इसके बाद एप्पल ने आईओएस का अपडेटेड वर्जन रिलीज किया था, जिसने कथित तौर पर उन सुरक्षा खामियों को दूर कर दिया था, जिसका उपयोग पेगासस फोन हैक करने के लिए कर रहा था. हालांकि इसके एक साल बाद एक्सपर्ट ने कहा था कि यह स्पाइवेयर एंड्रॉयड फोन को भी प्रभावित कर सकता है.
अब सुर्खियों में क्यों है पेगासस?
इस स्पाइवेयर को "मोस्ट सोफिस्टिकेटेड" फोन हैकिंग टूल कहा गया है. इसका इतनी बार इस्तेमाल किया गया है, जिसकी कहानियां हम आज भी सुन रहे हैं. गौरतलब है कि एनएसओ ग्रुप ने पेगासस के अस्तित्व की पुष्टि की है. हालांकि इजराइली कंपनी ने यह भी कहा है कि वह केवल सरकारों को उपकरण बेचती है और वह इसके दुरुपयोग के लिए जिम्मेदार नहीं है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस स्पाइवेयर से फोन हैक होने के बाद यूजर को पता भी नहीं चलता. यह आपकी डिवाइस को हैक करके व्हाट्सऐप समेत तमाम ऐप की जानकारी हासिल कर सकता है.
कैसे आपके फोन को प्रभावित कर सकता है?
अगर आपका फोन इस स्पाइवेयर की चपेट में आ गया है, तो यह आपकी एंड टू एंड एनक्रिप्टेड चैट को भी एक्सेस कर सकता है. रिसर्च के मुताबिक पेगासस आपके मैसेज को देख सकता है, आपकी कॉल को ट्रैक कर सकता है, यूजर्स की ऐप एक्टिविटी को ट्रैक कर सकता है. इसके अलावा यह आपकी लोकेशन, डेटा और वीडियो कैमरा के डेटा को भी प्रभावित कर सकता है. दुनिया भर की सरकारें लोगों की जासूसी करने के लिए इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल करती हैं.
कैसे इस स्पाइवेयर से बचें?
वैसे तो यह स्पाइवेयर काफी सोफिस्टिकेटेड है, लेकिन तमाम कंपनियों ने एप्स और फोन की सिक्योरिटी काफी अच्छी कर दी है. ऐसे में चिंता की कोई बात नहीं है. अगर आप अपने आईफोन या एंड्रॉयड में एप्स के लेटेस्ट वर्जन का इस्तेमाल करेंगे, तो आपके फोन के हैक होने की आशंका कम हो जाएगी. समय-समय पर आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट की सिक्योरिटी चेक करते रहें और जरूरी कदम उठाते रहें. अगर आपको कोई भी संदिग्ध मैसेज या लिंक आए तो उस पर क्लिक ना करें.