क्या है वर्चुअल रैम? क्या ये फोन को फास्ट बनाती है? यहां जानिए सब कुछ
Virtual Ram: मोबाइल कंपनियां बजट सेगमेंट के स्मार्टफोन में वर्चुअल रैम का ऑप्शन देती हैं जिससे आप मोबाइल फोन की रैम को बड़ा सकते हैं. जानिए आखिर क्या है वर्चुअल रैम?
What is Virtual ram? आप सभी ने मोबाइल फोन लॉन्चिंग के वक्त वर्चुअल रैम का वर्ड जरूर सुना होगा या वेबसाइट पर पढ़ा होगा कि फलाने फोन में इतनी GB वर्चुअल रैम मिलेगी या आप रैम को इतने GB तक बड़ा सकते हैं. विशेषकर बजट सेगमेंट के स्मार्टफोन्स में वर्चुअल रैम का कांसेप्ट ज्यादा देखने को मिलता है जिसमें फिजिकल रैम 3 या 4GB होती है. आज जानिए कि आखिर क्या है वर्चुअल रैम और क्या सच में ये आपके फोन को फास्ट बनाती है? अलग-अलग मोबाइल कंपनियां वर्चुअल रैम को अलग-अलग नाम से बुलाती हैं. जैसे सैमसंग के फोन में इसे रैम प्लस कहा जाता है, ओप्पो के फोन में रैम एक्सपेंशन आदि.
वर्चुअल रैम कैसे काम करती है समझने से पहले ये समझ लीजिये कि रैम फोन में कैसे काम करती है. रैम जिसका अर्थ है रैंडम एक्सेस मेमोरी. यानि ये एक हाई स्पीड स्टोरेज है जहां फाइल्स और ऐप्स टेम्परेरी रूप में सेव होते हैं. स्मार्टफोन की इंटरनल स्टोरेज के ठीक विपरीत यहां ऐप्स टेम्परेरी रूप में सेव होते हैं. इंटरनल स्टोरेज की तुलना में रैम फ़ास्ट होती है. रैम उस डेटा को स्टोर करता है जिसपर सिस्टम वर्तमान समय में काम कर रहा होता है. जैसे ऐप्स, OS आदि. जैसे-जैसे आप ऐप्स को खोलते जाते हैं, रैम इन ऐप्स को प्रोसेस करती है और बैकग्राउड में भी ये चलते हैं ताकि जब आप दो ऐप के बीच स्विच करें तो आपको ऐप लोडेड मिले. हालांकि बहुत सारे ऐप्स खोलने पर रैम ओवरलोड हो जाती है और फिर फोन हैंग करने लगता है.
क्या है वर्चुअल रैम?
बहुत सारे ऐप्स को खोलने की वजह से मोबाइल की रैम कम होने लगती है और फिर आप नए ऐप्स को तेजी से नहीं खोल पाते. इस परेशानी को खत्म करने के लिए वर्चुअल रैम के कांसेप्ट को लाया गया. वर्चुअल रैम मोबाइल फोन्स का एक फीचर है जिसमें फोन के इंटरनल स्टोरेज के कुछ हिस्से को रैम के तौर पर रिज़र्व कर दिया जाता है. जैसे अगर आपके फोन की स्टोरेज 64GB है तो वर्चुअल रैम को लेने के बाद ये 62GB या जितना आप लेंगे उतनी कम हो जाएगी.
अब होगा ये कि जब आपकी फिजिकल रैम फुल हो जाएगी तो तब नए ऐप के लिए जगह वर्चुअल रैम बनाएगी. होगा ये कि जो ऐप पहले से ओपन हैं उनमें से एक ऐप फिजिकल रैम से शिफ्ट होकर वर्चुअल रैम में चले जाएगा और आप नए ऐप को तेजी से खोल पाएंगे. कौन-सा ऐप फिजिकल रैम से वर्चुअल में शिफ्ट होगा ये मोबाइल फोन खुद तय करता है.
क्या वर्चुअल रैम फोन को बनाती है फास्ट?
वर्चुअल रैम का कांसेप्ट बजट स्मार्टफोन के लिए कंपनी लाई हैं और इनमें ये कुछ हद तक कारगर है. हालांकि वर्चुअल रैम, फिजिकल रैम की तरह फ़ास्ट नहीं होती और गूगल भी ये बात अपने डेवलपर पेज पर कहता है कि वर्चुअल रैम फोन के इंटरनल स्टोरेज की लाइफ को कम कर सकती है क्योकि ये रीड एंड राइट के लिए नहीं बनी है. वर्चुअल रैम बजट फोन्स के लिए ठीक है लेकिन बेहतर यही है कि आप ज्यादा फिजिकल रैम वाला फोन लें.
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