Online Shopping Scam: वर्तमान समय में ऑनलाइन शॉपिंग का चलन तेज़ी से आगे बढ़ रहा है जिसके साथ ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम के भी बहुत से मामले सामने आते हैं. ऑनलाइन शॉपिंग के इस ज़माने में कई बार लोग धोखे का भी शिकार हो जाते हैं और एक छोटी सी गलती उनका बैंक अकाउंट तक खाली कर देती है. खासकर त्योहारों के सीजन में लोग बहुत सरलता से धोखे का शिकार हो जाते हैं. ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम के बढ़ते मामलों को लेकर Norton Lifelock की ग्लोबल रिसर्च टीम ने अपनी क्वार्टरली कंज्यूमर साइबर सेफ्टी प्लस रिपोर्ट तैयार करके शेयर की है. इस रिपोर्ट में जुलाई, 2022 से सितंबर 2022 तक टॉप कंज्यूमर साइबर सिक्योरिटी खतरों से संबंधित जानकारी शेयर की गई है. आइए इस रिपोर्ट के बारे में विस्तार से जानते हैं.
NortonLifelock की रिपोर्ट
NortonLifelock की ग्लोबल रिसर्च टीम ने क्वार्टरली कंज्यूमर साइबर सेफ्टी प्लस रिपोर्ट शेयर की है जिसके मुताबिक भारत में सिंतबर के लिए नॉर्टन टेलीमेट्री से जानकारी मिलती है कि अटैक्स के लेवल से बचने के लिए सितंबर में 30 दिनों में लगभग 4.7 करोड़ ब्लॉक थे. नॉर्टन के मुताबिक साइबर अपराधी लोगों को अपने धोखे का शिकार बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक, ज्वैलरी, कपड़े और हर तरह की चीज को रिप्रेजेंट करने वाली ई-शॉप को अपना निशाना बनाए हुए हैं. बता दें कि ये पोर्टल्स ज्यादातर पॉलिश किए गए स्टोरफ्रंट, पॉजीटिव रिव्यू, सोशल मीडिया अकाउंट से लिंक्ड आदि के साथ आती हैं. जब भी यूजर कोई ऑर्डर करता है तो उसे या तो फेक प्रोडक्ट डिलीवर कर दिया जाता है या फिर कुछ भी डिलीवर नहीं किया जाता है.
नॉर्टन लैब्स की रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर वेबसाइट्स एडवरटाइजर्स के साथ गलती से या फिर जानबूझकर सर्च टर्न शेयर करती हैं. इस तरह स्पैमर्स वेबसाइट विजिट से सूचना हासिल कर सकते हैं जिससे वे यूजर्स का आईपी एड्रेस, वेबसाइट का कंटेंट डोमेन और भी कई जानकारी प्राप्त कर लेते हैं.
ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम से बचने के लिए अपनाएं यह तरीका
NortonLifelock की ग्लोबल रिसर्च टीम नॉर्टन लैब्स ने खरीदारों को उन कीमतों से अलर्ट रहने की वार्निंग दी है, जो प्रोडक्ट के हिसाब से काफी कम और किफायती लग रहे हो. साथ ही उन पोर्टल्स और वेबसाइटों से अलर्ट रहने को कहा है, जो अलग तरह से पेमेंट करने का विकल्प प्रोवाइड कराते हों.
इससे अलग सभी लोगों को सोशल मीडिया एड्स और मैसेज से अलर्ट रहना चाहिए. ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम से बचने के लिए लोग URL लुकअप टूल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इस टूल से यह पता चल सकता है कि वह साइट पहले से ही स्कैम डोमेन के रूप में आइडेंटिफाई है या नहीं.
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