Mobile Internet: आजकल स्मार्टफोन और इंटरनेट का जमाना है. आज के दौर में ऐसा वक्त आ गया है कि पूरी दुनिया के ज्यादातर लोग अपना पेट भरना यानी भोजन करना तक भूल सकते हैं, लेकिन मोबाइल फोन चलाना या इंटरनेट डेटा का इस्तेमाल करना नहीं छोड़ सकते.
फोन और इंटरनेट लोगों की रोजमर्रा के लिए दो बेहद जरूरी चीज बन चुकी है. यही कारण है कि आजकल अगर किसी कारण वश थोड़ी देर के लिए भी इंटरनेट सेवाएं बाधित हो जाती है या रुक जाती हैं, तो लोग परेशान हो जाते हैं और कई लोगों को तो बैचेनी और घबराहट भी होने लगती है.
इंटरनेट बंद होने पर क्या होगा?
पिछले कुछ हफ्तों और महीनों में भारत के कई राज्यों के कई शहरों में अलग-अलग कारणों से इंटरनेट सेवाओं को बंद किया गया है, जिसने लोगों के जीवन और कामकाज पर काफी और अच्छा-खासा असर डाला है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर पूरे महीने इंटरनेट सेवा बंद हो जाए, तो क्या टेलीकॉम कंपनियां ग्राहकों को बिल में छूट देंगी. आइए हम इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश करते हैं.
क्या कहते हैं नियम?
इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको भारतीय दूरसंचार मंत्रालय के इस नियम को जानना और समझना होगा. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के नियमों के अनुसार, टेलीकॉम कंपनियां उन ग्राहकों को बिल में छूट देने के लिए बाध्य हैं, जिन्हें सेवाओं में व्यवधान का सामना करना पड़ता है. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के मुताबिक अगर किसी क्षेत्र में 24 घंटे से अधिक समय तक इंटरनेट सर्विस बंद रहती है तो तो ग्राहकों को 25% तक की छूट मिलनी चाहिए.
क्या मिलेगी छूट?
हालांकि, इस नियम के लागू होने का इंतजार करने से पहले इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी TRAI के नियम सिर्फ उन मामलों पर लागू होते हैं, जहां सेवाएं तकनीकी खराबी या अन्य अप्रत्याशित कारणों से बाधित होती हैं. यदि किसी क्षेत्र में सरकार द्वारा मोबाइल इंटरनेट सर्विस पर बैन लगाया जाता है, तो उसेTRAI के नियमों के तहत सेवा व्यवधान नहीं माना जाएगा. इसका मतलब है कि, ऐसी स्थिति में टेलीकॉम कंपनियां को ग्राहकों को बिल में छूट देने के लिए बाध्य नहीं हैं.
क्या कर सकते हैं ग्राहक?
- ग्राहक अपनी संबंधित टेलीकॉम कंपनी से संपर्क कर सकते हैं और सेवा में व्यवधान के बारे में शिकायत दर्ज कर सकते हैं.
- ग्राहक भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण में भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं.
- ग्राहक एक्स (पुराना नाम ट्विटर), फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए अपनी आवाज उठा सकते हैं और टेलीकॉम कंपनियों पर दबाव डाल सकते हैं.
- यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि कुछ टेलीकॉम कंपनियां अपनी नीति के तहत कुछ मामलों में छूट दे सकती हैं, भले ही वे TRAI के नियमों के तहत बाध्य न हों.
इस बात का रखें ध्यान
ऊपर बताए गए कुछ चुनिंदा नियमों के अलावा यह स्पष्ट नहीं है कि पूरे महीने मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रहने पर टेलीकॉम कंपनियां ग्राहकों को बिल में छूट देंगी या नहीं देंगी, और अगर देंगी तो किन-किन परिस्थितियों में देंगी. अगर किसी ग्राहक के साथ ऐसी कोई समस्या है, तो उन्हें खुद टेलीकॉम कंपनियों और TRAI के समक्ष खुद अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए और उचित समाधान की मांग करनी चाहिए.
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