WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर अब यूजर्स को राहत मिल सकती है. दरअसल कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया यानी CCI ने व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी और सेवा शर्तों की विस्तृत जांच का आदेश दिया है. कमीशन ने कहा है कि व्हाट्सऐप ने अपने शोषणकारी और भेदभावपूर्ण आचरण के जरिए अधिनियम की धारा 4 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. ऐसे में इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए. CCI खुद इसकी जांच करेगा.


'जांच की है जरूरत'
आयोग ने व्हाट्सऐप की नई पॉलिसी पर सुनवाई करते हुए कहा कि भारत में कोई टफ कॉम्पिटीटर न होने की वजह से व्हाटस्ऐप यूजर्स को उनके मुताबिक ऑप्शन नहीं देना चाहता है. कंपनी को यूजर्स के जाने का कोई भय नहीं है. आयोग ने कहा कि पॉलिसी में ये नहीं बताया गया है कि उसके पास कौनसा डेटा आएगा और ये भी नहीं बताया गया कि इसका क्या प्रभाव पड़ेगा. इसका पता लगाने के लिए इसकी पूरी और विस्तृत जांच की जरूरत है. वहीं व्हाट्सऐप के प्रवक्ता ने कहा कि CCI के साथ चर्चा की जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि कंपनी के लिए यूजर्स की इंडीविज्यूअल कम्यूनिकेशन की एंड टू एंड एंक्रिप्शन और पारदर्शिता सबसे अहम है.


60 दिन में देनी होगी जांच रिपोर्ट
व्हाट्सऐप की इस प्राइवेसी पॉलिसी की जांच सीसीआई के महानिदेशक करेंगे और 60 दिन के अंदर इसकी रिपोर्ट देनी होगी. व्हाट्सऐप ने 25 फरवरी को अपना जवाब गोपनीय और अगोपनीय दो भागों में दाखिल किया था. गोपनीय भाग की जांच भी डीजी ही करेंगे.


15 मई तक टली नई प्राइवेसी पॉलिसी
गौरतलब है कि व्हाट्सऐप ने प्राइवेसी पॉलिसी के तहत यूजर्स से कहा था कि अगर इस नई पॉलिसी को एक्सेप्ट नहीं किया गया तो ऐप डिलीट करना होगा. कंपनी की तरफ से कहा गया था कि ऐसे यूजर्स का अकाउंट 8 फरवरी के बाद बंद हो जाएगा. इस पॉलिसी का जमकर विरोध किया गया. जिसके बाद कंपनी ने इसे 15 मई तक के लिए टाल दिया था.


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