नई दिल्ली: फर्जी वेबसाइटों के जरिए धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. कई बार लोग फर्जी वेबासाइट्स पर जाकर अपने बिल की पेमेंट कर देते हैं और अपना पैसा गंवा देते हैं. दरअसल फर्जी वेबसाइट बिल्कुल असली वेबसाइट की तरह दिखती है. लेकिन इन फर्जी वेबसाइट का आसानी से पता लगाया जा सकता है. वहीं कई बार असली वेबसाइट को हैक भी कर लिया जाता है.
इन तरीकों से पहचानें कौन सी वेबासाइट सही है, कौन सी फर्जी
-किसी नई वेबसाइट को विजिट करते वक्त वेबसाइट के कंटेंट, उसकी प्राइवेट पॉलिसी, अबाउट, टीम इन्फो, फोन, ईमेल और गूगल लिस्टिंग को चेक करें. ये सब जानकारियां अगर उपलब्ध नहीं हैं, तो समझ लें कि वेबसाइट सही नहीं है.
-किसी नई ई-कॉमर्स वेबसाइट को विजिट कर रहे हैं, तो आप उसकी रिटर्न पॉलिसी को जरूर देखें. कस्टमर सपोर्ट पर कॉन्टैक्ट करके भी वेबसाइट के बारे में पता कर सकते हैं.
-किसी वेबसाइट को विजिट करते वक्त डोमेन नेम अच्छे से चेक कर लें. याद रखें कभी भी एक ही नाम के दो डोमेन नहीं होते हैं. अगर डोमेन नेम सही नहीं है तो यह फर्जी वेबसाइट है.
-ऐसी वेबसाइट को यूज न करें जिन पर बिना ओटीपी के ही कार्ड से पेमेंट हो रहा हो. ऐसी वेबसाइटों में 3डी सुरक्षा नहीं होती
-सर्विस और प्रोडेक्ट उपलब्ध कराने वाली वेबसाइट्स के ऑनलाइन रिव्यू को जरूर पढ़े
-अगर आपको किसी वेबसाइट पर पेमेंट करना हो उसमें एसएसएल सिक्योरिटी होनी चाहिए. इसका मतलब है कि वेबसाइट के यूआरएल के आगे लॉक का निशान बना हो या वह https से शुरू होती हो.
-आपके ईमेल, एसएमएस या सोशल मीडिया मैसेंजर पर आने वाले लिंक का इस्तेमाल पेमेंट के लिए ना करें. अगर आपने ऐसा किया तो आप फर्जी वेबसाउट के चंंगुल में फंस गए. फर्जी वेबासाइट्स की तरफ से आपको आकर्षक ऑफर देने की बात कही जा सकती है इसलिए सतर्क रहें.
जहां तक हैक की गई वेबसाइट्स का है तो इनका पता लगाना थोड़ा मुश्किल है. जब तक संबंधित कंपनी, विभाग या संस्था कोई सूचना नहीं देती या हैकर वेबसाइट पर कुछ विशेष जानकारी नहीं देता, तब तक यह पता लगाना मुश्किल है कि वेबसाइट हैक हुई है या नहीं.
यह भी पढ़ें:
अयोध्या में भूमि पूजन का दूरदर्शन पर लाइव प्रसारण संविधान की भावना के ख़िलाफ़: CPM सांसद