Dell Fires 12500 Employees Due to AI: टेक-आईटी सेक्टर में नौकरी से निकाले जाने का दौर जारी है. कंप्यूटर-लैपटॉप बनाने वाली दिग्गज कंपनी डेल (Dell) ने बड़े पैमाने पर छटनी का एलान किया है. इसकी वजह एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) को बताया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेल ने अपनी सेल्‍स डिवीजन में एक बड़े री-ऑर्गेनाइजेशन (पुनर्गठन) का ऐलान किया है. बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी अपने सेल्‍स टीमों को सेंट्रलाइज्ड करेगी. साथ ही साथ एआई-फोकस्ड सेल्स यूनिट बनाएगी.


बड़े पैमाने पर कर्मचारी बनेंगे शिकार


इस बदलाव की वजह से डेल के लगभग 10 फीसदी कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी. डेल के कुल 12,500 कर्मचारी इस बदलाव का शिकार बनेंगे. डेल के सीनियर एग्‍जीक्‍यूटिव बिल स्कैनेल और जॉन बर्न का एक मेमो कर्मचारियों को मिला है. इसमें लिखा है- ग्लोबल सेल्स मॉर्डनाइजेशन अपडेट. साथ ही कहा गया है कि हम प्राथमिकताओं को दोबारा तय कर रहे हैं. 


रिपोर्ट के मुताबिक, डेल की सेल्स टीम ने कंफर्म किया है कि कई लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है. वहीं, मैनेजर्स के अलावा डायरेक्टर और वीपी भी छंटनी से प्रभावित हुए हैं. हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब किसी कंपनी ने एआई पर ध्यान केंद्रित करने की वजह से वर्कफोर्स में कटौती की है. 


दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बढ़ रहा दायरा


दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दायरा बढ़ रहा है. ऐसे में टेक कंपनियों में नौकरी में कमी आ रही है. डेल के मामले में अभी तक पता नहीं चल पाया है कि भारत में अब तक कितने कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ी है. 


AI की वजह से जा सकती है और नौकरियां


मैकिंसी ग्लोबल की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन नौकरियों में ऑटोमेशन और रिपीटीशन की जरूरत पड़ती है, उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आसानी से रिप्लेस कर देगा. इसमें कस्टमर सर्विस, फूड सर्विस और ऑफिस सपोर्ट स्टाफ जैसी नौकरियां भी शामिल हैं. 


रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि AI की वजह से कुछ फील्ड्स में जहां नौकरियां जाएंगी, वहीं, कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं जहां एआई की वजह से काम की क्वालिटी बढ़ेगी. इसमें क्रिएटिव फील्ड, बिजनेस से जुड़े लोगों को इसका फायदा होगा. इसके अलावा, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ की फील्ड से जुड़े लोगों को ये फायदा पहुंचा सकता है. 


2030 तक करोड़ों लोगों को बदलनी पड़ सकती है नौकरी


मैकिंसी ग्लोबल ने अनुमान लगाया है कि 2030 तक, एक करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी लाइन बदलनी पड़ सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, इसका असर ज्यादातर उन लोगों पर पड़ेगा जिनकी कम सैलरी है. जॉब मार्केट में AI के साथ बने रहने के लिए इंसानों को समय के साथ खुद को अपग्रेड भी करना होगा.


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