Charger Facts: सिर्फ इन दो रंग के ही क्यों होते हैं स्मार्टफोन चार्जर, जानिए इसके पीछे क्या है वजह
कुछ साल पहले तक स्मार्टफोन के चार्जर सिर्फ काले रंग के होते थे, लेकिन भारत में अब जितने भी स्मार्टफोन आ रहे हैं उन सब में चार्जर का रंग सफेद होता है. आइए इसकी वजह जानते है.
Smartphone Charger Color Fact: आपने देखा होगा की आप चाहे जिस भी कंपनी का स्मार्टफोन यूज करते हों उसका चार्जर सफेद या काले रंग का होता है भले ही उसका आकार कैसा भी हो. भारतीय बाजार में कईं स्मार्टफोन कम्पनियां हैं उन सभी के चार्जर अलग-अलग आकार, वजन या फिर कपैसिटी के हो सकते हैं, लेकिन फिर भी उनमें एक चीज कॉमन रहती है और वो है इनका कलर. आपने भी ये बात गौर की होगी लेकिन इसके पीछे क्या कारण है ये जानने की कोशिश शायद नहीं की होगी. अगर आप ऐसा सोचते हैं कि इसके पीछे कोई कारण नहीं है तो बता दें आप बिल्कुल गलत सोचते हैं, क्योंकि एक खास वजह से ही कंपनिया स्मार्टफोन चार्जर सिर्फ काले और सफेद रंग के ही बनती है. आइए आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताते हैं कि आखिर क्यों ऐसा होता है कि आप जो चार्जर यूज करते हैं वो सफेद या फिर काले रंग का ही क्यों होता है.
पहले इस रंग के होते थे चार्जर
आपको याद होगा कुछ साल पहले तक स्मार्टफोन के चार्जर सिर्फ काले रंग के होते थे. इसकी वजह यह थी कि काले रंग की खासियत होती है कि यह गर्मी को अपने अंदर खींच लेता है इसीलिए चार्जर को काले रंग का बनाया जाता था जिससे कि चार्जिंग के दौरान पैदा होने वाली गर्मी से चार्जर को बचाया जा सके. फोन चाहे जिस भी कम्पनी का हो उसके चार्जर का रंग कला ही रहता था. चार्जर का काला रंग बाहर की गर्मी को चार्जर के अंदर जाने से रोकता है और अंदर की गर्मी को सोख कर चार्जर को सुरक्षित रखता है, इससे चार्जर लंबे समय तक चलते थे और इनमें किसी तरह की कोई खराबी नहीं आती थी.
अब सफेद रंग के क्यों होते हैं चार्जर?
आपने देखा होगा भारत में अब जितने भी स्मार्टफोन आ रहे हैं उन सब में चार्जर का रंग सफेद होता है. आइए अब जानते हैं इसके पीछे वजह. सफेद रंग दोनों काम करता है, सफेद रंग गर्मी को कम करने में तो मददगार होता ही है साथ ही साथ ये रात के समय आसानी से नजर भी आ जाता है. इसीलिए अब ज्यादातर स्मार्टफोन कंपनियां अपने स्मार्टफोन के साथ सफेद रंग का ही चार्जर देने लगी हैं. अब आपको जानकारी हो चुकी है कि क्यों कंपनिया ऐसा करती हैं, बहुत सारे लोग ऐसा सोचते हैं कि कंपनियां अपना पैसा बचाने के चक्कर में ऐसा करती हैं, लेकिन असल में कंपनी अपना नही बल्कि आपका पैसा बचाने के लिए ऐसा करती है.
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