Fake News Problem: पिछले कुछ सालों से फेक न्यूज (Fake News) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है. कई बार तो फेक न्यूज दंगों और हिंसा की वजह भी बन जाती है. साथ ही मजहबी नफरत को भड़काने में भी फेक न्यूज का अहम भूमिका निभा रही है, लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों लगातार फेक न्यूज के मामले बढ़ते जा रहे हैं? इस वजह का खुलासा एक रिसर्च रिपोर्ट (Research Report) से हुआ है, जिसके अनुसार, युवाओं में न्यूज को देखने और पढ़ने का पैटर्न चेंज हो रहा है.


आज का युवा न्यूज को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Social Media Platforms) से देख रहा है, जो काफी खतरनाक है, क्योंकि सोशल मीडिया पर लोग न्यूज को अपने हिसाब से बदल देते हैं और इससे जन्म होता है फेक न्यूज का.


UK की Research Report से हुआ खुलासा 


यूके (UK) बेस्ड एक रिसर्च के अनुसार ब्रिटेन में युवा न्यूज के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम (Instagram), टिक-टॉक (Tiktok), और यू-ट्यूब (YouTube) का इस्तेमाल करते है. सोशल मीडिया न्यूज के प्राइमरी सोर्स नहीं होते है. ऐसे में इन प्लेटफॉर्म पर न्यूज को मन मर्जी की बनाकर पेश किया जाता है, इससे फेक न्यूज को फैलने में काफी मदद मिल जाती हैं.


सोशल मीडिया से इस उम्र के लोग पढ़ रहे न्यूज 


बिट्रेन की Ofcom की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा युवा इंस्टाग्राम (Instagram) के जरिए न्यूज पढ़ रहे हैं. युवाओं में इंस्टाग्राम न्यूज का प्रमुख सोर्स बना हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, 29 फीसदी युवा मेटा प्लेटफॉर्म के इंस्टाग्राम को न्यूज के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. जबकि 28 फीसद युवा न्यूज के लिए यू-ट्यूब का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके अलावा, ब्रिटेन में शार्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक (Tiktok) भी न्यूज का प्राइमरी सोर्स बना हुआ है. ब्रिटेन में जो लोग टिकटॉक से न्यूज देखते हैं, उनकी उम्र 16 से 24 साल के बीच है.


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