Cracked software and Pirated apps disadvantage: इंटरनेट की दुनिया में बहुत सारे ऐसे सॉफ्टवेयर और ऐप्स मौजूद होते हैं, जिनका इस्तेमाल करना यूज़र्स के लिए काफी आकर्षित हो सकता है. यहां तक कि यूज़र्स को ऐसे आकर्षित सॉफ्टवेयर और ऐप्स फ्री में भी मिल जाते हैं, लेकिन उनका उपयोग करने के कई नुकसान भी हो सकते हैं, जो आपके डिवाइस और उसमें मौजूद आपकी कई खास और संवेदनशीन पर्सनल इंफोर्मेशन को खतरे में डाल सकती है. आइए हम आपको पांच सबसे मुख्य कारण बताते हैं, कि क्यों हमें क्रैक्ड सॉफ्टवेयर और पायरेटेड ऐप्स का उपयोग नहीं करना चाहिए.
ऐसे सॉफ्टवेयर्स का न करें इस्तेमाल
मैलवेयर और वायरस का खतरा: क्रैक्ड सॉफ्टवेयर और पायरेटेड ऐप्स में आमतौर पर मैलवेयर और कई खतरनाक वायरस मौजूद होते हैं, जो आपकी डिवाइस के अंदर घुसकर उसे पूरी तरह से संक्रमित कर सकते हैं. ये मैलवेयर यूज़र्स के पर्सनल डेटा को चोरी कर सकते हैं, आपके मोबाइल, टैबलेट या लैपटॉप जैसे किसी भी डिवाइस को स्लो कर सकते हैं. इतना ही नहीं, ये मैलवेयर और वायरस आपके डिवाइस को पूरी तरह से निष्क्रिय भी कर सकते हैं. ऐसे में आप इस बात का पूरा ख्याल रखें कि एक बार जब आपका डिवाइस पूरी तरह से संक्रमित हो जाता है तो उसे ठीक करना काफी मुश्किल होता है. यह एक मुख्य कारण है कि क्यों हमें ऐसे सॉफ्टवेयर और ऐप्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
कानूनी समस्याएं: क्रैक्ड सॉफ्टवेयर और पायरेटेड ऐप्स का इस्तेमाल करना कानूनी तौर पर भी अवैध माना जाता है. इस कारण ऐसे प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करना यूज़र्स के लिए गैर-कानूनी भी है और उन्हें कानूनी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है. ऐसे में अगर कोई यूज़र इन अवैध सॉफ्टवेयर्स या ऐप्स का इस्तेमाल करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे भारी जुर्माना और यहां तक कि जेल की सजा भी हो सकती है.
नहीं मिलेगा कोई कस्टमर केयर सपोर्ट
सिक्योरिटी अपडेट्स की कमी: क्रैक्ड सॉफ्टवेयर और पायरेटेड ऐप्स को इस्तेमाल न करने का एक मुख्य कारण इसमें सिक्योरिटी अपडेट न आना भी है. इसका मतलब है कि इस ऐप में सिक्योरिटी अपडेट्स नहीं आएंगे और इसमें मौजूद बग्स भी ठीक नहीं हो पाएंगे. इस कारण यूज़र्स का डिवाइस और भी ज्यादा असुरक्षित हो सकता है.
सपोर्ट सिस्टम की कमी: क्रैक्ड सॉफ्टवेयर या पायरेटेड ऐप्स का इस्तेमाल करने के दौरान यूज़र्स को किसी भी तरह की टेक्निकल हेल्प सर्विस नहीं मिलती है. अगर आपको ऐसे सॉफ्टवेयर्स या ऐप्स का इस्तेमाल करने में कोई दिक्कत आ रही है, तो आपकी मदद करने के लिए भी कस्टमर केयर उपलब्ध नहीं होगा. आपको खुद ही अपनी समस्या का समधान ढूंढना होगा.
सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री को नुकसान: क्रैक्ड सॉफ्टवेयर और पायरेटेड ऐप्स का इस्तेमाल करने से असली और अच्छी सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री का काफी नुकसान झेलना पड़ता है. सॉफ्टवेयर डेवलपर्स और कंपनियां अपने प्रॉडक्ट्स को बनाने और उन्हें लंबे समय तक उपयोगी बनाए रखने के लिए काफी पैसे खर्च करती है, लेकिन जब यूजर्स उनके प्रॉडक्ट को गैर-कानूनी तरीके से इस्तेमाल करते हैं, तो उन्हें उनके मेहनत के काम का उचित फायदा नहीं होता है.