SemiConductor Crisis: फेस्टिव सीजन में जहां बाजारों में फिर से पहले जैसी रौनक लौट आई है और लोग जमकर खरीदारी करने पहुंच रहे हैं. वहीं इलेक्ट्रॉनिक बाजार में ये तेजी नहीं दिख रही है. यहां सुस्ती का कारण एक छोटा सा उपकरण है, जिसे सेमीकंडक्टर (SemiConductor) के नाम से जाना जाता है. दरअसल सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की आपूर्ति नहीं हो पा रही है और इसका असर बाजार पर पड़ रहा है. आइए जानते हैं क्या है पूरा संकट और कैसे ये बाजार को प्रभावित कर रहा है.
क्या होता है सेमीकंडक्टर
दरअसल सेमीकंडक्टर (SemiConductor) एक चिप होती है. इसका इस्तेमाल मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर, फ्रिज, टीवी व वॉशिंग मशीन व एसयूवी कार के पार्ट्स जैसे अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान में किया जाता है. यही वजह है कि इसे इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स का दिमाग भी कहते हैं.
क्यों हुआ संकट
सेमीकंडक्टर का सबसे ज्यादा उत्पादन चीन में होता है. सेमीकंडक्टर को लेकर पूरी दुनिया की निर्भरता काफी हद तक चीन पर ही है. पर पिछले कुछ महीनों में चीन में सेमीकंडक्टर का प्रोडक्शन घट गया है. इससे दुनियाभर में इसकी कमी हो गई है.
इस तरह पड़ रहा है असर
सेमीकंडक्टर की कमी से इलेक्ट्रॉनिक सामानों का भी उत्पादन प्रभावित हो रहा है और उनकी सप्लाई नहीं हो पा रही है. बाजार में सामान की कमी से बिक्री नहीं हो रही है और दुकानदार निराश हैं. दिवाली पर इलेक्ट्रॉनिक सामान की काफी बिक्री होती है, लेकिन इस बार कम सप्लाई की वजह से बिक्री पर असर पड़ रहा है. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, मोबाइल बाजार में ही 95 प्रतिशत तक की गिरावट आई है. कोरोना से पहले जहां 100 मोबाइल की सप्लाई होती थी, वहीं अब यह 5-6 ही रह गई है.
राहत में लगेगा समय
इस संकट से उबरने के लिए भारत में भी तैयारी की जा रही है. भारत देश में ही इस चिप को बनाने की योजना पर काम कर रहा है. इसके लिए ताइवान, साउथ कोरिया व अन्य देशों को यहां उत्पादन के लिए कहा जा रहा है. पीएमओ की तरफ से भी इस पर नजर रखी जा रही है, लेकिन भारत में इसके उत्पादन में अभी समय लग सकता है.
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