क्या बजट के बाद AI और Smartphone जैसी टेक्नोलॉजी हो जाएगी महंगी? जानें डिटेल्स
AI and Smartphone Technology: आज की दुनिया में टेक्नोलॉजी का तेजी से विस्तार हो रहा है, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इसका एक बड़ा हिस्सा बन चुका है.
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AI and Smartphone Technology: आज की दुनिया में टेक्नोलॉजी का तेजी से विस्तार हो रहा है, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इसका एक बड़ा हिस्सा बन चुका है. भारत में भी डेटा सेंटर, सेमीकंडक्टर्स, क्लाउड कंप्यूटिंग और ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे उभरते सेक्टरों में लगातार विकास हो रहा है. वहीं, देश में बजट पेश होने वाला है, ऐसे में, सरकार आगामी बजट में इन सेक्टर्स पर टैक्स लगाने या इनके लिए नए टैक्स नियम लाने की योजना बना सकती है.
नई टेक्नोलॉजी पर टैक्स का असर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट 2025 में डेटा सेंटर, बायोकेमिस्ट्री, क्लाउड कंप्यूटिंग, ग्रीन टेक्नोलॉजी और सेमीकंडक्टर्स जैसे सेक्टर्स के लिए नए टैक्स रिजीम का प्रस्ताव ला सकती हैं. इतना ही नहीं, माना जा रहा है कि इस नए टैक्स सिस्टम के तहत सरकार टर्नओवर की सीमा 2 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर सकती है. इसके लिए सरकार इनकम टैक्स कानून की धारा 44AD और 44ADA में बदलाव कर सकती है. प्रीजंप्टिव टैक्स सिस्टम में कंपनियों की कुल कमाई का एक निश्चित प्रतिशत ही टैक्सेबल इनकम माना जाता है, जिससे टैक्स का बोझ कम होता है और स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलता है.
क्या Smartphone और AI महंगे होंगे?
हालांकि सरकार AI, डेटा सेंटर और सेमीकंडक्टर्स पर टैक्स लगाने की योजना बना रही है, लेकिन इसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ने की संभावना कम है. सरकार का मुख्य उद्देश्य इन सेक्टर्स का विकास करना है, इसलिए कई तरह की टैक्स रियायतें भी दी जा रही हैं. सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री पर टैक्स लगने के बावजूद, इसका स्मार्टफोन और लैपटॉप की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं होगा. सरकार इस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए प्रीजंप्टिव टैक्स सिस्टम के तहत कंपनियों को राहत देने की योजना बना रही है. इसका मतलब है कि भारत में नई टेक्नोलॉजी महंगी नहीं होगी, बल्कि इसका विस्तार और तेज हो सकता है.
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