भारत की IT कंपनी Wipro ने 452 लोगो को नौकरी से निकाला, टेस्ट लिया और फिर नौकरी छोड़ने को कहा
रिपोर्ट्स की मानें तो विप्रो ने खराब परफॉर्मेंस के चलते एंप्लॉयीज को नौकरी से निकाला है और इसमें सैकड़ों फ्रेशर एंप्लॉयीज की नौकरी गई है.
Wipro Layoffs: टेक की दुनिया में हो रही छटनी ने कर्मचारियों की रातों की नींद उड़ाई हुई है. अभी पिछले हफ्ते की ही बात है, दो टॉप की टेक कंपनियों ने बड़े पैमाने पर छंटनी की घोषणा की. इन टॉप की टेक कंपनियों में Google और Microsoft शामिल हैं. गूगल ने 12,000 कर्मचारियों को निकाल दिया, जबकि माइक्रोसॉफ्ट ने वैश्विक स्तर पर 10,000 कर्मचारियों को निकाला है. अब यह छटनी भारत की टेक कंपनी तक भी आ गई है. दरअसल, भारत की टॉप आईटी कंपनियों में से एक, विप्रो (Wipro) ने भी छंटनी की घोषणा की है.
विप्रो ने कराया इंटरनल टेस्ट
रिपोर्ट्स की मानें तो विप्रो ने खराब परफॉर्मेंस के चलते एंप्लॉयीज को नौकरी से निकाला है, और इसमें सैकड़ों फ्रेशर एंप्लॉयीज की नौकरी गई है. कंपनी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अभी हाल ही में कंपनी ने एक इंटरनल टेस्ट कंडक्ट किया था. इसमें सबसे कम स्कोर करने वाले कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के लिए कहा गया. कंपनी 800 कर्मचारियों को निकालने की तैयारी कर रही थी, लेकिन छटनी हुए कर्मचारियों की संख्या कम है. कंपनी ने कहा, 'हमें 452 फ्रेशर्स को कंपनी से बाहर करना पड़ा, क्योंकि उन्होंने ट्रेनिंग के बाद भी बार-बार असेसमेंट में खराब परफॉर्म किया.'
विप्रो का कर्मचारियों को मेल
कहा जा रहा है कि विप्रो ने प्रभावित कर्मचारियों को एक टर्मिनेशन लेटर भेजा था. इस लेटर में कहा गया था कि कर्मचारी 75,000 रुपये का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं. ये 75,000 रुपये कंपनी ने उनकी ट्रेनिंग पर खर्च किए हैं. हालांकि, विप्रो ने उसी मेल में आगे लिखा कि कंपनी ने अमाउंट माफ कर दी है. नौकरी से प्रभावित हुए एक फ्रेशर ने बताया कि मुझे जनवरी 2022 में एक ऑफर लेटर मिला था, लेकिन महीनों की देरी के बाद उन्होंने मुझे ऑनबोर्ड कर लिया था, और अब वे मुझे टेस्ट का बहाना बता कर निकाल रहे हैं?"
टेक इंडस्ट्री का बुरा दौर
इस समय सिर्फ विप्रो ही नहीं बल्कि टेक इंडस्ट्री की बड़ी बड़ी कंपनिया भी बुरे दौर से गुजर रही है. पिछले हफ्ते ही दो टॉप टेक कंपनियों, Google और Microsoft ने दुनिया भर में 22000 कर्मचारियों की छंटनी की है. Microsoft और Google से पहले, Amazon, Netflix, Salesforce और कई अन्य जैसी टेक कंपनियों ने मैक्रो आर्थिक स्थितियों का हवाला देते हुए सैकड़ों और हजारों की संख्या में कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है.
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