Cyber Crime: आज के ज़माने में कुछ लोग डाटा को नया सोना कह रहे हैं. हैकर्स से लेकर कई कंपनियों तक सब डाटा की चाह रखते हैं. हाल ही में डाटा से जुड़ी ही खबर सामने आ रही है. नॉर्डवीपीएन के एक अनुमान के अनुसार, कम से कम 5 मिलियन लोगों का डाटा चोरी हो गया है. इन 5 मिलियन लोगों का चोरी हुआ डाटा बॉट बाजार पर मामूली कीमत पर बेचा भी जा रहा है. आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन इस बिक रहे डाटा के चार्ट में अपने देश भारत का नाम सबसे ऊपर है. अब क्या है यह पूरा माजरा? आज की इस खबर में हम इसी बारे में बात करेंगे.


क्या है बॉट मार्केट?


जब भी बॉट शब्द हमारे कानों में पड़ता है तो हम आमतौर पर बॉट शब्द को एक ऑटोमैटिक प्रोग्राम के साथ जोड़ देखते हैं. एक ऐसा प्रोग्राम जो इंस्ट्रक्शन को सेट कर दोहराने के लिए डिज़ाइन किया गया हो. इसके उलट हैकर्स की दुनिया में इसका एक अलग ही मतलब है. इसमें डाटा-हार्वेस्टिंग मालवेयर को एक बॉट माना जाता है. इसके अलावा बॉट मार्केट हैकर्स के लिए एक ऐसी जगह होती है, जिसका इस्तेमाल हैकर्स हैक किए गए डाटा को बेचने के लिए किया करते हैं.


डाटा में क्या होता है शामिल?


अब यहां तो हम केवल एक शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं - डाटा, लेकिन डाटा शब्द अपने आप में बहुत कुछ शामिल किए हुए है. ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि डाटा में लोगो की पर्सनल जानकारी जैसे लॉगिन, कुकीज़, डिजिटल फ़िंगरप्रिंट और स्क्रीनशॉट शामिल होते हैं. जी हां, आपके स्क्रीनशॉट भी. आपको यह जानकर और हैरानी होगी कि बॉट बाजार पर 490 रुपये प्रति यूजर्स डाटा की औसत कीमत के साथ यूजर्स का डाटा बेचा जा रहा है. अब इन यूजर्स की संख्या की बात करें तो इसमें 600 मिलियन से अधिक यूजर्स डाटा शामिल है. इस बिक रहे डाटा के चार्ट में अपने देश भारत का नाम सबसे ऊपर है.


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