Mahakumbh 2025: महाकुंभ में कहीं पैदा हुईं 'गंगा-जमुना' तो कहीं जन्मे 'भोलेनाथ', यूजर्स ने किया स्वैग से स्वागत
Mahakumbh 2025: महाकुंभ का क्रेज भारत ही नहीं, दुनिया के तमाम लोगों के सिर पर चढ़ा हुआ है. काफी लोग ऐसे भी हैं, जो अपने बच्चे को जन्म देने के मकसद से महाकुंभ क्षेत्र में पहुंच रहे हैं.

महाकुंभ क्षेत्र में बने सेंट्रल हॉस्पिटल में अभी तक कुल 12 बच्चों का जन्म हुआ है और इनके माता पिता में से किसी ने अपने बच्चे का नाम गंगा, किसी ने जमुना, किसी ने भोले नाथ तो किसी ने बजरंगी रखा है. सेक्टर दो स्थित सेंट्रल हॉस्पिटल की मैटर्न रमा सिंह ने बताया कि कल रात में ही फूलपुर तहसील के सराय चंडी से आई नेहा सिंह ने एक बेटे को जन्म दिया और बेटे के पिता दीपक अपने बेटे का नाम कुंभ रखने पर अड़े हैं. हमने कहा कि कुंभ नाम 29 दिसंबर को जन्मे एक बच्चे का पहले ही रखा जा चुका है. हमने इस बच्चे को कुंभ-2 नाम दिया है.
बेटे के पिता दीपक ने बताया, 'मैं हरियाणा में नौकरी करता हूं और सेक्टर-18 में मेरी मां कल्पवास कर रही हैं. उनकी सेवा के लिए मैं छुट्टी लेकर अपनी पत्नी नेहा के साथ यहां आया था. कल रात प्रसव पीड़ा उठने पर मैंने एंबुलेंस को फोन लगाया और पत्नी को सेंट्रल हॉस्पिटल लाया, जहां रात करीब दो बजे उसने एक लड़के को जन्म दिया. भले ही अस्पताल वाले मेरे बेटे का नाम कुंभ नहीं रख रहे हैं, लेकिन मैं उसका नाम कुंभ ही रखूंगा, क्योंकि वह इस महाकुंभ में पैदा हुआ है.'
बसंत पंचमी के दिन भी पैदा हुए बच्चों के रखे गए ये नाम
रमा सिंह ने बताया कि बसंत पंचमी को रात में एक महिला ने बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम बसंत रखा गया. वहीं, इसी स्नान पर्व पर एक महिला ने बेटी को जन्म दिया, जिसका नाम बसंती रखा गया. सेंट्रल हॉस्पिटल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर मनोज कौशिक ने बताया कि सेंट्रल हॉस्पिटल में अब तक कुल 12 बच्चों का जन्म हो चुका है. सभी प्रसव सामान्य तरीके से कराए गए. उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों जैसे जहांगीराबाद (बाराबंकी), चित्रकूट, कौशांबी और कई प्रदेशों जैसे झारखंड, मध्य प्रदेश आदि की महिलाओं का प्रसव कराया गया.
मेले में इस वजह से आती हैं प्रेग्नेंट महिलाएं
रमा सिंह बताया कि प्रसव उपरांत ज्यादातर लोग जल्दी छुट्टी मांगते हैं, लेकिन हमें 24 घंटे तक प्रसूती को निगरानी में रखना पड़ता है, जिसके बाद ही हम छुट्टी देते हैं. उन्होंने बताया कि बहुत सी महिलाएं प्रसव की तिथि नजदीक होने के बावजूद मेले में इस आस्था के साथ आती हैं कि कुंभ मेले में जन्मा बच्चा भाग्यशाली होगा. एक महिला मध्य प्रदेश के ग्वालियर से आई थी और जैसे ही वह घाट पर स्नान के लिए पहुंची, उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. परिजनों ने तत्काल एंबुलेंस को फोन कर इसकी जानकारी दी. महिला ने अस्पताल में बेटी को जन्म दिया और बच्ची का नाम सरस्वती रखा गया. उन्होंने बताया कि इसी तरह यहां पैदा हुए बच्चों के नाम भोले नाथ, गंगा, जमुना, सरस्वती, नंदी आदि रखे गए हैं.
यूजर्स ने स्वैग से किया स्वागत
महाकुंभ में बच्चों के जन्म लेने की खबरें सोशल मीडिया यूजर्स को मिलीं तो उन्होंने स्वैग से इन बच्चों का स्वागत किया. एक यूजर ने लिखा कि महाकुंभ में जन्म लेने वाले बच्चे धन्य हैं. वे बेहद भाग्यशाली हैं कि उनका जन्म महाकुंभ क्षेत्र में हुआ. एक अन्य यूजर ने लिखा कि लोग महाकुंभ का पुण्य कमाने के लिए दूर-दूर से जा रहे हैं और इन बच्चों ने तो इसी धरती पर अपना पहला कदम रखा. इनसे ज्यादा भाग्यशाली कोई नहीं हो सकता. हालांकि, एक यूजर ने इस तरह की मान्यताओं को बेहद खतरनाक बताया. उन्होंने लिखा कि महाकुंभ में जितनी भीड़ पहुंच रही है. ऐसे में वहां डिलीवरी का प्लान करके जाना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. ईश्वर इन सभी बच्चों और उनके माता-पिता पर अपना आशीर्वाद बनाए रखे.
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