105 साल के लंबे सफर के बाद आखिरकार अपने पते पर पहुंचा लेटर, जानकर होगी हैरान
Trending News: इन दिनों एक लेटर काफी तेजी से सुर्खियां बटोर रहा है. जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान लिखा गया एक लेटर 105 साल बाद अपने पते पर पहुंचा है.
Trending News: वर्तमान समय में तेजी से हो रही विकास के कारण आए दिन कई तरह की खोज हो रही है. वहीं तकनीक तेजी से विकसित होती जा रही है. फिलहाल आधुनिक समय में किसी भी जानकारी को एक जगह से दूसरी भेजने के कई साधन उपलब्ध हैं. आज के समय में किसी का हाल-चाल जानने के लिए लोग जहां मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं. वहीं बीते समय में यह काम चिट्ठी के जरिए होता था.
हाल ही में एक पत्र सामने आया है, जिसे ब्रिटेन में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान लिखा गया था. फिलहाल यह पत्र तकरीबन 105 साल बाद अपने पते पर पहुंचा है. जिसे देख इस पत्र को पाने वाला बेहद खुश है. जानकारी के अनुसार यह पत्र 1916 में भेजा गया था. उस वक्त इसे एक दोस्त ने अपने दूसरे को भेजा था. पत्र में किंग जॉर्ज पंचम की मुहर वाला स्टैंप लगा देख हर कोई हैरान नजर आ रहा है.
Better late than never? 😳📬✅👏🏼
— Tibor M. Kalman (@kalmantibs) February 16, 2023
Letter lost in 1916 delivered in London more than 100 years later.
It begins: “My dear Katie, will you lend me your aid – I am feeling quite ashamed of myself after saying what I did at the circle.”@guardian 🇬🇧 pic.twitter.com/u5ufuSPy7d
पत्र पर राजा की टिकट
सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार यह पत्र साल 2021 में थिएटर निर्देशक फिनले ग्लेन को उनके फ्लैट के लेटर बॉक्स में पड़ा हुआ मिला. इस पत्र को पाने वाले फिनले ग्लेन का कहना है कि पत्र पर 16 लिखा देख उन्होंने सोचा की यह 2016 का पत्र होगा. इसके बाद उन्होंने पत्र पर रानी के बजाय राजा की टिकट को देख संदेह हुआ कि यह पत्र 2016 का नहीं हो सकता है.
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान लिखा गया पत्र
जिसके लंबे समय बाद उन्होंने इससे जुड़ी जानकारी जुटाने और शोध करने के लिए इसे एक स्थानीय ऐतिहासिक संगठन को दे दिया था. फिलहाल इस लेटर पर की गई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ कि इस पत्र को प्रथम विश्व युद्ध के बीच में क्रिस्टाबेल मेनेल ने अपनी दोस्त केटी मार्श को भेजा था.
दोस्त के लिए लिखा गया पत्र
स्थानीय पत्रिका द नॉरवुड रिव्यू के संपादक स्टीफन ऑक्सफोर्ड के अनुसार इस पत्र को भेजने वाली क्रिस्टाबेल मेनेल एक अमीर चाय व्यापारी हेनरी तुक मेनेल की बेटी थी. जो प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बाथ में छुट्टियां मना रही थीं. इस पत्र को यूनाइटेड किंगडम के बाथ शहर से लंदन के एक पते पर भेजा गया था.
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