960 बार कोशिश करने के बाद महिला ने पास किया था ड्राइविंग टेस्ट, यूजर्स को मोटीवेट कर रही कहानी
Inspiring News: इन दिनों साउथ कोरिया की चा सा-सून की कहानी सोशल मीडिया पर काफी सुर्खियां बटोर रही है. जिसने लगातार मिल रही असफलता के बाद भी हार नहीं मानी और 60वें प्रयास में ड्राइविंग टेस्ट पास किया.
Inspiring News: दुनियाभर में सड़क पर होने वाले हादसों को रोकने के लिए अलग-अलग देशों की सरकार कई तरह के नियम कानून बनाती है. जिसमें सभी देशों के यातायात कानून में ड्राइविंग लाइसेंस को बेहद जरूरी बताया गया है. बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाना अपराध की श्रेणी में आता है. फिलहाल ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए एक निश्चित आयु सीमा के बाद एप्लाई किया जा सकता है. जिसे एक ड्राइविंग टेस्ट पास करने के बाद पाया जा सकता है.
फिलहाल कई लोगों इस ड्राइविंग टेस्ट को पहली ही बार में पास कर लेते हैं. वहीं कुछ ऐसे मामले देखे गए हैं. जिन्हें लंबे प्रयास के बाद इसमें सफलता मिलती है. ऐसी ही एक महिला की कहानी इन दिनों सोशल मीडिया पर सभी को प्रेरित करती नजर आ रही है. जो अब तेजी से सुर्खियां भी बटोर रही है. आज हम बात कर रहे हैं. साउथ कोरिया में रहने वाली चा सा-सून की जिसने 960वें प्रयास में ड्राइविंग टेस्ट पास किया था.
असफलता के बाद भी नहीं मानी हार
न्यू यॉर्क पोस्ट के अनुसार बताया गया है कि यह कहानी तकरीबन 18 साल पुरानी है. जो फिलहाल हाल ही में रेडिट पर एक बार फिर से वायरल हुई है. जिसके बार में जान कई लोग इंस्पायर हो रहे हैं. वहीं कुछ लोग इसी लगातार मेहनत करते रहने का नतीजा बता रहे हैं. जानकारी के अनुसार चा सा-सून ने पहली बार अप्रैल 2005 में ड्राइविंग टेस्ट की लिखित परीक्षा को अटेंप्ट किया था. अपने पहले टेस्ट में असफल होने के बाद उसने तीन साल तक सप्ताह में पांच दिन, हर दिन परीक्षा देना जारी रखा.
960वें प्रयास में मिली सफलता
फिलहाल इसके बाद भी असफल होने के बाद उनकी स्पीड स्लो हो गई और वह सप्ताह में लगभग दो बार ड्राइविंग टेस्ट दे रह थी. जिसके बाद उन्होंने कभी हार नहीं मानी और 960वें प्रयास में चा सा-सून ने ड्राइविंग टेस्ट पास कर लिया था. फिलहाल प्रैक्टिकल टेस्ट पास करना जो ज्यादा कठिन था. उसे चा सा-सून ने दसवीं बार में क्लियर कर लिया. उन्होंने 2010 में 69 वर्ष की उम्र में ड्राइविंग टेस्ट को पूरी तरह से क्लियर कर लिया.
लोग हो रहे मोटीवेट
एक जानकारी के मुताबिक उन्होंने इन टेस्ट को पास करने के लिए 11,000 पाउंड तकरीबन 11 लाख से ज्यादा रुपये खर्च कर दिए. फिलहाल चा सा-सून की कहानी ने उन्हें एक राष्ट्रीय सेलिब्रिटी बना दिया. जिसके बाद दक्षिण कोरियाई कार निर्माता हुंडई कंपनी ने एक नई कार उन्हें भेंट भी की. अब उनकी स्टोरी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और यूजर्स को जीवन में असफल होने के बाद भी लगातार मेहनत करने के लिए प्रेरित कर रही है.
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