पहले पेटदर्द और गैस रहती थी... अस्पताल गईं तो डॉक्टर ने एक के बाद एक पित्त की थैली से निकाले 1200 स्टोन
पश्चिम बंगाल में रहने वाली एक महिला मधुमेह से पीड़ित थी.करीब एक साल पहले पेट में गैस जैसी शिकायतें थीं. करीब एक हफ़्ते पहले उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया.
Stones in Stomach: पेट में स्टोन्स हो जाना आज के समय में आम हो गया है. ऐसी स्थिति में मरीज की सर्जरी की जाती है और स्टोन्स को बाहर निकाला जाता है. आपने इस तरह के ऑपरेशन और स्टोन्स निकालने से जुड़ी कई खबरें पढ़ी होंगी, लेकिन इस तरह के मामले में कुछ केस ऐसे भी होते हैं जो काफी सुर्खियां बटोरते हैं.
कुछ इसी तरह का एक केस चेन्नई में देखने को मिला है. यहां डॉक्टरों ने एक महिला के पेट का ऑपरेशन कर अंदर से 1241 पत्थर निकाले हैं. जब डॉक्टर इसे बाहर निकाल रहे थे, तब वे लोग भी इतने पत्थर देखकर हैरान हो गए. हालांकि ऑपरेशन के बाद अब महिला ठीक है.
मधुमेह से भी पीड़ित थी महिला
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में रहने वाली 55 साल की एक महिला मधुमेह से पीड़ित थी. महिला को पेटदर्द, भूख न लगने, अपच, पेट में गैस जैसी शिकायतें थीं. करीब एक हफ़्ते पहले उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. इसके बाद उसे चेन्नई के डॉ. मोहन्स डायबिटीज़ स्पेशलिटीज़ सेंटर में भर्ती करवाया गया. यहां डॉक्टरों ने महिला के एब्डोमेन का अल्ट्रासाउंड किया. रिपोर्ट्स देखकर डॉक्टर्स भी चौंक गए. महिला की पित्त की थैली में 1241 छोटे-छोटे पत्थर थे. इसके बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने का फैसला किया.
फंट सकती थी पित्त की थैली
एसआरएम मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट और लैप्रोस्कोपिक सर्जन, डॉ. आर बालमुरुगन ने महिला की सर्जरी करने की तैयारी की. इस महिला की लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेकटमी (गॉल ब्लैडर रिमूवल) होनी थी. डॉ. बालमुरुगन ने ये भी कहा कि अगर सही समय पर इलाज नहीं होता तब महिला की पित्त की थैली फट भी सकती थी. सही समय पर बीमारी का पता चलने और सही इलाज होने की वजह से महिला की जान बच गई. सीनियर डायबिटोलॉजिस्ट, डॉ. ब्रिजेंद्र कुमार ने कहा कि सही समय पर सर्जरी होने की वजह से महिला की जान बच गई.