पुलिस कमिश्नर ने दिया सेक्स के लिए कंसेंट रिकॉर्ड करने वाले एप का सुझाव, जोरदार आलोचना शुरू
ऑस्ट्रेलिया में सेक्सुअल एसॉल्ट के मामले बढ़ रहे हैं. इन बढ़ते मामलों को रोकने के लिए न्यू साउथ वेल्स के पुलिस कमिश्नर मिक फुलर ने सेक्सुएल कंसेंट के लिए ऐप के इस्तेमाल का सुझाव दिया. फुलर के इस प्रस्ताव की काफी लोगों ने आलोचना की है.
ऑस्ट्रेलिया में सेक्सुअल एसॉल्ट के बढ़ते मामलों के बीच एक टॉप ऑस्ट्रेलियाई पुलिस अधिकारी ने सेक्सुअल कंसेंट को रिकॉर्ड करने के लिए लिए एक फोन एप्लिकेशन का उपयोग करने सुझाव दिया. इसके बाद पुलिस अधिकारी के प्रपोजल की काफी आलोचना की गई.
न्यू साउथ वेल्स राज्य के पुलिस कमिश्नर मिक फुलर ने यौन उत्पीड़न के मामले बढ़ने पर गुरुवार को इसके समाधान के लिए मोबाइल ऐप के इस्तेमाल का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि इस ऐप का इस्तेमाल सेक्स से पहले एग्रीमेंट को डिजिटल रूप से रिकॉर्ड करने के लिए किया जा सकता है. गौरतलब है कि इस राज्य में यौन उत्पीड़न के मामलों में पिछले साल की तुलना में 10 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है.
महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने में सिस्टम हो रहा फेल फुलर ने कहा कि " टेक्नोलॉजी सब कुछ ठीक नहीं करती है लेकिन यह इस समय लोगों मीटिंग में इसकी बड़ी भूमिका है. मैं सिर्फ सुझाव दे रहा हूं, क्या यह स सोल्यूशन का हिस्सा है? " फुलर ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में सेक्सुअल एसॉल्ट के मामलों की संख्या बढ़ रही है, जबकि प्रोसिक्यूशन सक्सेस रेट केवल दो प्रतिशत है. रिपोर्ट दिखाती है सिस्टम फेल हो रहा है. उन्होंने गुरुवार को एबीसी रेडियो सिडनी से बातचीत में कहा कि हिंसा, विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ महिलाओं के खिलाफ वास्तविक समस्या अपराध है और हमें इसका समाधान खोजने की आवश्यकता है.
सोशल मीडिया में आलोचना भी हुई फुलर के बाद कई लोगों ने इस पर रिएक्शन दी. न्यू साउथ वेल्स प्रीमियर ग्लेडिस बेरेकिक्लियान ने सेक्सुअल एसॉल्ट की समस्या के बारे में फुलर को बातचीत करने के लिए बधाई दी, लेकिन ऐप पर अपनी राय शेयर करने से इनकार कर दिया.
वहीं, बच्चों से जुड़े हार्मफुल सेक्सुएअल बिहेवियर एक्सपर्ट लेस्ली ऐनी आई ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ऐप काम करेगा. ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग एशोसिएशन ने कहा, "नहीं लगता कि वे एक ऐप में डिटेल डालने के लिए रोमांस को बाधित करने जा रहे हैं"
Time to implement sexual assault reforms which will actually⬆️access to justice
1. Affirmative consent laws 2. Procedural changes to allow evidence of past conduct 3. Allow victims to pre-record evidence 4. Jury directions to counter victim-blaming 5. Training of law enforcement — Hayley Foster (@HayleyFoster_) March 18, 2021
राज्य की महिला सुरक्षा एनएसडब्ल्यू की मुख्य कार्यकारी अधिकारी हेले फोस्टर ने कहा, "यह अच्छा है एनएसडब्ल्यू पुलिस सहमति की आवश्यकता को स्वीकार कर रही है, लेकिन यह सुरक्षित तरीका नहीं है. एब्यूज करने वाला पीड़ित को ऐप का इस्तेमाल करने के लिए मना कर सकता है."
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