ब्लू आंखें किसे नहीं पसंद होतीं. ऐसा कहा जाता है कि ब्लू आंखें इंसान की खूबसूरती में चार चांद लगा देती हैं और अगर किसी बच्चे की आंखें नीली हैं, तो उसकी क्यूटनेस और ज्यादा बढ़ जाती है. हर कोई फिर ऐसे बच्चे की तारीफ करने लगता है. ब्रिटेन के रहने वाली एक बच्ची के साथ हालांकि ऐसा नहीं है. एरेट्रिया बाइस नाम की एक बच्ची की आंखें बिल्कुल नीली है. जब उसका जन्म हुआ था, तो उसकी नीली आंखें देखकर हर कोई दंग रह गया था. क्योंकि परिवार में और किसी की आंखें नीली नहीं थीं. 


34 साल की लुईस बाइस से हर कोई यह कहा करता था कि उनकी बेटी बहुत सुंदर है. उसकी नीली आंखे बहुत खूबसूरत हैं. अपनी बेटी की तारीफ सुनकर लुईस काफी खुश होती है. हालांकि उन्हें मालूम नहीं था कि इन नीली आंखों की सच्चाई ही कुछ और थी. पैदा होने के 6 महीने के बाद लुईस ने नोटिस किया कि उसकी बेटी की एक आंख दूधिया रंग की हो गई है और लाइट के कारण वह हमेशा चिल्लाने लगती है.     


ब्लू आंखों के पीछे थी ये गंभीर बीमारी


इसके बाद जब जांच कराई गई तो सामने आया कि एरेट्रिया को बिलेट्रल कॉग्निटोल ग्लूकोमा है, जो एक आनुवंशिक बीमारी है. यह बीमारी एरेट्रिया को जन्म से थी. इस बीमारी के कारण आंखों की रोशनी के प्रभावित होने का खतरा बढ़ जाता है. इस बीमारी का नाम सामने आने के बाद लुईस काफी डर गईं. उन्हें बताया गया कि बच्ची की तुरंत सर्जरी करने की जरूरत है. एरेट्रिया, जो अब पूरे 10 महीने की हो चुकी है, उसका बर्मिंघम चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में जून में डॉक्टरों ने 4 घंटे तक ऑपरेशन किया था. हालांकि दुख की बात यह रही कि यह ऑपरेशन असफल रहा. पिछले महीने यानी अगस्त में बच्ची की दूसरी बार सर्जरी की गई. 


दोनों आंखों की जा चुकी है रोशनी


परेशान लुईस ने बताया कि उसने कभी सोचा भी नहीं था कि उसकी नीली आंखों के पीछे यह कारण था. उन्होंने कहा, 'एक दिन अचानक मैंने नोटिस किया कि एरेट्रिया की एक आंख में बादल छा गए थे. एक मिनट तक तो सब ठीक था, लेकिन 15 मिनट के बाद स्थिति और बिगड़ गई. जब उसका टेस्ट किया गया तो पता चला कि उसकी दोनों आंखों की रोशनी जा चुकी है. दो सर्जरी हो चुकी है. अब पता नहीं क्या होगा. उसकी दाहिनी आंख में सिर्फ 5 पर्सेंट रोशनी ही बाकी है.'  लुईस आगे कहा कि अगर हमें पता होता कि उसकी नीली आंखें इस वजह है, तो हम पहले ही उसका इलाज करवा लेते.


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