इंडियन रेलवे को दुनिया के सबसे बड़े और विशाल रेलवे नेटवर्क की संज्ञा दी जाती है. क्योंकि इसका विस्तार देश के कोने-कोने तक है. आज शायद ही कोई ऐसा जिला या गांव छूटा होगा, जहां रेलवे ने लोगों तक ट्रेनों की सुविधा न पहुंचाई हो. भारत में चलने वाली ट्रेनों की संख्या साढ़े 13 हजार से भी ज्यादा है. आज भी अधिकतर लोग सफर करने के लिए ट्रेन का ही चयन करते हैं. हाल ही में ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना का दर्दनाक मंजर तो आप सभी ने देखा होगा. इस हादसे में न सिर्फ 288 लोगों की मौत हुई, बल्कि बड़ी संख्या में लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए. सिर्फ इतना ही नहीं, भारतीय रेलवे की 3 ट्रेनें भी बर्बाद हो गईं. 


क्या आप यह जानते हैं कि एक ट्रेन को बनाने में कितनी लागत आती है? अगर नहीं तो आज हम आपको ट्रेन के इंजन से लेकर ट्रेन की बोगियों तक के पूरे खर्चे के बारे में बताएंगे. आप यह तो जानते होंगे कि एक ट्रेन में जनरल, स्लीपर के साथ-साथ एसी कोच भी होते हैं. इन सभी कोच को बनाने में अलग-अलग खर्चा आता है. 


एक ऐसी कोच की लागत 2 करोड़ 


मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो स्लीपर कोच का निर्माण करने में डेढ़ करोड़ रुपये का खर्चा आता है. जबकि जनरल कोच को तैयार करने में एक करोड़ रुपये की लागत आती है. वहीं, एसी कोच की बात करें तो एक एसी कोच तैयार करने में कुल 2 करोड़ का खर्चा बैठता है. कुल मिलाकर बात करें तो एक 24 बोगी की ट्रेन को बनाने में 48 करोड़ की लागत आती है. जबकि सिर्फ एक इंजन की कीमत 18-20 करोड़ रुपये होती है. 


वंदे भारत को बनाने में आता है इतना खर्च


अगर किसी ट्रेन में स्लीपर कोच की संख्या 10 है और एसी कोच की संख्या 8 है और इसके साथ-साथ 2 जनरल डिब्बे भी बनाए गए हैं तो इस ट्रेन की कुल कीमत 50 करोड़ रुपये से ज्यादा होगी. वहीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की बात करें तो सिर्फ इस ट्रेन को बनाने में 110 से 120 करोड़ की लागत आती है.


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