भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) बीमा पॉलिसी को लेकर काफी पॉपुलर है. यह सरकारी संस्था है जिस कारण लोगों का भरोसा भी काफी ज्यादा है. वहीं एलआईसी लोगों की बीमा करने के लिए एजेंट रखती है. इन एजेंट्स को एलआईसी की ओर से प्रत्येक बीमा पॉलिसी पर कमीशन भी दिया जाता है. एलआईसी के जरिए दिए जाने वाले कमीशन से तो कुछ एजेंट करोड़पति तक भी बन गए हैं. इन्हीं में से एक नाम भारत पारेख का भी है. भारत पारेख एलआईसी के एजेंट है और उनकी कमाई करोड़ों में है.


कई दशकों से भारत पारेख एलआईसी के साथ जुड़े हुए हैं. दशकों से भारत पारेख अखबारों में मौत से जुड़े नोटिस स्कैन करते हैं और बीमा बेचने के लिए श्मशान घाट पहुंच जाते हैं. वहां वह अपना परिचय लोगों को देते हैं और उन्हें अपना विजिटिंग कार्ड देते हैं. साथ ही मृतक के परिवार वालों को मृतक की पॉलिसी का क्लेम जल्दी सेटल करवाने का भरोसा भी देते हैं.


ऐसे शुरू होता है संवाद


पारेख कहते हैं कि आपको भारत में अंतिम संस्कार के निमंत्रण की आवश्यकता नहीं है. आप शोक संतप्त परिवार को अर्थी ले जाने वाले लोगों के जरिए पहचान सकते हैं. पारेख वहां मृतक के रिश्तेदारों और दोस्तों से संपर्क करते हैं और अपना परिचय देते हैं. साथ ही उन्हें बताते हैं कि पॉलिसी से जुड़े किसी भी दावे को निपटाने के लिए अपनी मुफ्त सेवाएं दे रहे हैं. मृत व्यक्ति का बीमा था और आप अपना विजिटिंग कार्ड छोड़ जाते हैं. यहीं से लोगों के साथ संवाद का उनका सिलसिला शुरू हो जाता है.


कितने की बेच चुके हैं बीमा?


55 वर्षीय पारेख देश के सबसे बड़े बीमाकर्ता भारतीय जीवन बीमा निगम के लाखों एजेंट्स में से एक हैं. पारेख एलआईसी के स्टार एजेंट में से एक हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक पारेख अब तक 32.4 करोड़ डॉलर की जीवन बीमा की बिक्री कर चुके हैं. इनमें से ज्यादातर पॉलिसी नागपुर या उसके आसपास से ही है. पारेख कहते हैं कि वो 40 हजार पॉलिसी बेच चुके हैं. वहीं प्रीमियम जमा करने, क्लेम सेटलमेंट आदि जैसी सुविधाएं वो फ्री में देते हैं.


देते हैं वित्तीय सेवाएं


वहीं बदलते वक्त के साथ पारेख ने अपने काम करने के तरीके में भी बदलाव किया है. साथ ही तकनीक का इस्तेमाल भी वो करते हैं. 1995 से ही पारेख अपने रिकॉर्ड को कंप्यूटराइज्ड करते आ रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलहाल पारेख के व्यस्त कार्यालय में पैंतीस लोग काम करते हैं, जो वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हैं. बीमा निश्चित रूप से उनके व्यवसाय का बड़ा हिस्सा है.


चेयरमैन से भी ज्यादा कमाई!


18 साल की उम्र में पारेख ने पॉलिसी बेचना शुरू किया था. तब वह अपनी कॉलेज क्लासेज के बाद बीमा बेचा करते थे. ऐसा कहा जाता है कि भारत पारेख की कमाई एलआईसी के चेयरमैन के बराबर है. लगभग तीन दशकों से पारेख दुनिया के अग्रणी जीवन बीमा और वित्तीय सेवा पेशेवरों के एक समूह के सदस्य रहे हैं. उन्हें स्कूलों, कॉलेजों, बैंकों और प्रबंधन स्कूलों में बातचीत के लिए आमंत्रित किया जाता है.


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