Bihar News: बिहार के मुंगेर में डॉक्टर की लापरवाही ने हाइड्रोसील ऑपरेशन की जगह नसबंदी का ऑपरेशन कर दिया, जिससे मरीजों के परिजनों में खलबली मच गई. हाइड्रोसील ऑपरेशन की जगह नसबंदी मामले में जिलाधिकारी ने जांच के आदेश देकर जांच टीम गठित करने का निर्देश दिया है. तो वहीं पीड़ित परिवार चिकित्सक पर केस दर्ज करने की तैयारी में लगा हुआ है.
जहां मुंगेर जिले के जमालपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चार मार्च को हाइड्रोसील ऑपरेशन की जगह नसबंदी किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शनिवार को जांच का आदेश दिया.
डीएम ने कहा कि पूरे प्रकरण की जांच के लिए जांच टीम गठित करने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिया गया है. जांच टीम की रिपोर्ट के बाद दोषी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. चिकित्सक ने इतनी बड़ी लापरवाही कैसे की, इसकी भी जांच होगी. पीड़ित मरीज और परिवार वाले संबंधित चिकित्सक पर केस दर्ज कराने की तैयारी में है.
यह है पूरा मामला
दरअसल, जमालपुर प्रखंड की परहम पंचायत स्थित फरदा मालिक टोला निवासी नवल मालाकार (50) वर्ष का बायां हाइड्रोसील बढ़ गया था, दर्द से वह काफी परेशान रहते थे. 4 मार्च को ही वह जमालपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां पीड़ित ने वहां तैनात चिकित्सक अशोक पासवान को मामले से अवगत करायावाया. चिकित्सक ने सलाह दी कि हाइड्रोसील का ऑपरेशन कराना होगा, इसके बाद चिकित्सक मरीज को ऑपरेशन थियेटर ले गए.
ऑपरेशन करने के बाद मरीज को शाम में डिस्चार्ज भी कर दिया. पीड़ित ने बताया कि एक सप्ताह में दर्द से आराम नहीं मिला तो गांव में ही दूसरे चिकित्सक के पास पहुंचे, निजी चिकित्सक ने पट्टी खोलकर देखा तो पता लगा कि मरीज की नसबंदी कर दी गयी है, यह सुनकर मरीज और परिवार जन सभी दंग रह गए.
परिवारजनों का कहना है कि चिकित्सक ने गरीब गुरबों का भरोसा सरकारी अस्पतालों से पूरी तरह से समाप्त कर दिया है, पीड़ित मरीज ने बताया कि रविवार को वह साफिया सराय थाना में केस दर्ज करावाने जाएंगे, साथ ही चिकित्सक पर कार्रवाई के लिए सिविल सर्जन को भी आवेदन देंगे.
जांच के दिए आदेश
वही इस डॉक्टर की लापरवाही मामले में मुंगेर जिलाधिकारी अवनीश कुमार ने कहा कि प्रेस के माध्यम से इस घटना की जानकारी मुझे मिली है मैंने संज्ञान में लेते हुए सिविल सर्जन को जांच का आदेश दिया है.
सिविल सर्जन टीम गठित कर सही जांच कर और दोषी डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करेंगे,और पीड़िता को सही सामूहिक इलाज करावाने में मदद करेंगे.