फिन्स वाली मछली तो आपने तो बहुत देखी होंगी, लेकिन क्या आपने कभी हाथों वाली मछली देखी है? बेशक नहीं देखी होगी, क्योंकि ऐसी मछलियों को लेकर माना जा रहा था कि ये विलुप्त हो चुकी हैं. हालांकि ऑस्ट्रेलिया के एक बीच पर 20 सालों के बाद एक ऐसी ही विचित्र मछली देखने को मिली है. इस मछली पर एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक केरी यारे की नजर तब पड़ी, जब वो बीच पर दौड़ लगा रही थीं.


उन्होंने बताया कि वह तस्मानिया के प्रिमरोज सैंड्स में स्थित बीच पर दौड़ लगा रही थीं. तभी उनकी नजर इस अजीबोगरीब या कहें सबसे अलग हैंडफिश पर पड़ी. उन्होंने कहा, 'मुझे दौड़ते समय इस तरह के प्राणियों को देखना काफी अच्छा लगता है. ये मछली कुछ कुछ टॉडफिश या पफरफिश की तरह दिखाई देती है. मैंने इसे रेत की परत के नीचे छिपा देखा. तब मेरी नजर इसके विचित्र हाथों पर पड़ी.' ये लुप्तप्राय प्रजाति की मछली है, जो चलने के लिए अपने हाथों का इस्तेमाल करती है. माना जा रहा था कि ये मछली विलुप्त हो चुकी है.


अब सिर्फ 2000 मछलियां बाकी!


मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में इस तरह की सिर्फ 2000 मछलियां ही बची थीं. कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (CSIRO) की कार्ली डिवाइन का कहना है कि प्राइमरोज सैंड्स में इस मछली की आबादी विलुप्त थी. जो भी थी, वो 2005 से पहले थीं. पिछले कुछ सालों में हमने काफी खोजा, लेकिन इस तरह की एक भी मछली नजर नहीं आई. CSIRO की मानें तो यह पहली हैंडफिश थी, जिसे इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ने लुप्तप्राय माना था. 


1990 से पहले आसानी से देखी जा सकती थीं ये मछलियां


कार्ली ने कहा कि ये स्पॉटेड हैंडफिश काफी दुर्लभ हैं. इन्हें 1990 से पहले आसानी से देखा जा सकता था. हालांकि अब इनकी आबादी काफी अलग-अलग हो गई हैं. अब सिर्फ 9 ही आबादी बची हैं. उन्होंने कहा कि हमारा अनुमान कहता है कि अब लगभग सिर्फ 2000 स्पॉटेड हैंडफिश ही जंगल में बची हैं.


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