ब्राजील के अमेजन नदी में 100 Dolphins की मौत, हजारों मछलियों के मिले शव, आखिर क्या है इस त्रासदी का कारण?
पिछले हफ्ते अमेजन रिवर की एक सहायक नदी में कम से कम 120 डॉल्फिन की लाशें तैरती पाई गईं. एक्सपर्ट की मानें तो इनकी मौत का कारण कहीं न कहीं तेज गर्मी और गंभीर सूखा है.
ब्राजील (Brazil) से एक बहुत ही चौंकाने वाली घटना सामने आई है. अमेजन नदी से एक-दो नहीं, बल्कि 100 से ज्यादा डॉल्फिन के शव बरामत किए गए हैं. सिर्फ डॉल्फिन के शव ही नहीं, हजारों मछलियां भी मृत पाई गई हैं. अमेजन नदी में बड़ी संख्या में अलग-अलग प्रजाति की डॉल्फिन पाई जाती हैं. कुछ का तो रंग भी आकर्षक गुलाबी होता है. पिंक डॉल्फिन बेहद ही शानदार मीठे पानी वाली डॉल्फिन की प्रजाति है. ये एक ऐसी प्रजाति है, जो सिर्फ दक्षिण अमेरिका की नदियों में पाई जाती हैं.
दुनिया में नदियों में मिलने वाली डॉल्फिन की कुछ ही प्रजातियां बची हुई हैं, जिसमें से एक प्रजाति अमेजन रिवर डॉल्फिन (Amazon River Dolphins) है. दिखने में ये गुलाबी मछली की तरह होती है. प्रजनन करने की कम क्षमता की वजह से इनके विलुप्त होने का खतरा हमेशा बना रहता है. अमेजन नदी में जब भारी तादात में डॉल्फिन के शव मिले तो वहां मौजूद लोगों के रोंगटे खड़े हो गए. जीवविज्ञानी और अन्य विशेषज्ञों ने प्रोटेक्टिव कपड़े पहनकर और मुंह पर मास्क लगाकर नदी से मरी हुई डॉल्फिन की लाशों को बाहर निकाला और मौत के कारण का पता लगाने के लिए उनका शव परीक्षण किया.
कैसे हो गई एक साथ इतनी डॉल्फिन्स की मौत?
जानकारी के मुताबिक, पिछले हफ्ते अमेजन रिवर की एक सहायक नदी में कम से कम 120 डॉल्फिन की लाशें तैरती पाई गईं. एक्सपर्ट की मानें तो इनकी मौत का कारण कहीं न कहीं तेज गर्मी और गंभीर सूखा है. शोधकर्ताओं का कहना है कि गंभीर सूखा इनकी मौत की वजह इसलिए है, क्योंकि इसके कारण नदी का जलस्तर कम हो जाता है और पानी इतना गर्म हो जाता है कि डॉल्फिन इसे सहन नहीं कर पातीं. पानी में ऑक्सीजन की कमी की वजह से अमेजन नदियों में हाल ही में हजारों मछलियों ने भी अपनी जान गंवाई है.
क्या कहते हैं वैज्ञानिक?
वैज्ञानिकों की मानें तो यह निश्चित नहीं है कि डॉल्फिन की मौत गंभीर सूखा और तेज गर्मी की वजह से ही हुई है. हो सकता है कि इसके और भी कई कारण हों. वैज्ञानिक इन्हीं कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि यह भी हो सकता है कि इस घटना के पीछे 'जीवाणु संक्रमण' का प्रकोप हो. इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉल्फिन की लगभग 70 लाशें गुरुवार को देखी गईं, जब लेक टेफे के पानी का टेंपरेचर 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. कुछ पर्यावरण कार्यकर्ताओं का तो यह भी कहना है कि इन स्थितियों के लिए कहीं न कहीं जलवायु परिवर्तन भी जिम्मेदार है.
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