Trending News: भारतीय मूल की ब्रिटिश सिख सेना अधिकारी ने रचा इतिहास, दक्षिणी ध्रुव पर अकेले ही पहुंची
Trending News: भारतीय मूल की ब्रिटिश सिख सेना अधिकारी प्रीत चंडी ने दक्षिणी ध्रुव पर अकेले ही पहुंचने का इतिहास रच दिया है. वह इस सफर को अकेले पूरा करने वाली पहली गैर श्वेत महिला हैं.
Trending News: आज के आधुनिक युग में महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिल कर चल रही हैं. ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जिसमें महिलाओं ने परचम नहीं लहराया है. हाल ही में भारतीय मूल की ब्रिटेन की सिख सेना अधिकारी प्रीत चंडी ने इतिहास रच दिया है. प्रीत चंडी ने दक्षिणी ध्रुव का सफर अकेले ही पूरा करने वाली पहले 'गैर श्वेत महिला' बन कर इतिहास रचा है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक पता चला है कि प्रीत चंडी ने बीते साल नवंबर में अपने सोलो एक्सपीडिशन की शुरुआत की थी. उन्होंने अंटार्कटिका के हरक्यूलिस इनलेट से बिना किसी सहयोग के अपनी इस यात्रा की शुरुआत की थी. उन्होंने 3 जनवरी को घोषणा करते हुए बताया कि 700 मील लगभग 1126 किलोमीटर लंबे ट्रेक को उन्होंने 40 दिन में पूरा कर लिया है. इस दौरान उन्होंने अंटार्कटिका में कुछ हफ्ते अकेले स्कीइंग करते हुए बिताए. फिलहाल अपने इस अभियान के दौरान प्रीत चंडी ने कुल 90 किलोग्राम का भार भी ढोया, जिसमें पुल्क या स्लेज, किट, ईंधन और भोजन शामिल था.
View this post on Instagram
उन्होंने एक इंस्टाग्राम पोस्ट के माध्यम से बताया कि दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच कर वह काफी सारी भावनाओं को महसूस कर रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वह तीन साल पहले तक ध्रुवीय दुनिया के बारे में कुछ नहीं जानती थी और अंत में यहां होना कितना वास्तविक लगता है. उनका कहना है कि दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचना काफी मुश्किल भरा सफर था. उन्होंने उन सभी को धन्यवाद दिया है, जिसने उनका सपोर्ट किया था.
इसे भी पढ़ेंः
Watch: कीचड़ में प्री-वेडिंग फोटोशूट, पोज देते-देते गिरा कपल, फिर जो हुआ उसे देख नहीं रोक पाएंगे अपनी हंसी
उन्होंने आगे लिखते हुए कहा 'यह अभियान हमेशा मुझसे बहुत अधिक था. मैं लोगों को अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाने और खुद पर विश्वास करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती हूं, और मैं चाहती हूं कि आप बिना बागी बने इसे करने में सक्षम हों. मुझे कई मौकों पर ना कहा गया है और कहा गया है कि "बस सामान्य काम करो", लेकिन हम खुद को सामान्य बनाते हैं. आप जो कुछ भी चाहते हैं उसके लिए आप सक्षम हैं. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहां से हैं या आपकी शुरुआत कहां है, हर कोई कहीं न कहीं से शुरू होता है. मैं सिर्फ कांच की छत को तोड़ना नहीं चाहता, मैं इसे एक लाख टुकड़ों में तोड़ना चाहता हूं.'
इसे भी पढ़ेंः
Watch: राफ्टिंग बोट पर स्वैग में बैठना लड़कों को पड़ा भारी, लोग बोले- मजा शुरू होने से पहले ही हो गया खत्म!