चीन के चांग ई-5 यान ने चांद की सतह पर फहराया नेशनल फ्लैग, CNSA ने जारी की पहली तस्वीर
चंद्रमा की सतह से मिट्टी और पत्थर इकट्ठा करने के लिए भेजे गए चांग ई-5 चंद्रमा लैंडर में एक कैमरा, रडार, एक ड्रिल और एक स्पेक्ट्रोमीटर फिट किया गया था इनके इस्तेमाल से चांद की सतह से मिट्टी के बेहतर नमूने एकत्र किए जा सके.
चीन से निकले कोरोनावायरस से इस समय पूरी दुनिया जूझ रही है तो वहीं चीन ने इस समय चांद पर अपना अंतरिक्ष यान भेजा था. गौरतलब है कि ये यान तकरीबन चार दशक के बाद पहली बार चांद की सतह पर उतरा है. चीनी अंतरिक्षयान के लैंडर ने टेक ऑफ से ठीक पहले कपड़े से बने चीन के राष्ट्रीय ध्वज को चांद की सतह पर भी फहराया. चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (CNSA) ने शुक्रवार को चंद्रमा पर फहराए गए चीनी राष्ट्रीय ध्वज की पहली तस्वीरें भी जारी की.
चीनी नागरिकों ने सोशल मीडिया पर जाहिर की खुशी
जैसे ही तस्वीरें जारी की गई वैसे ही ट्विटर पर चीनी नागरिक अपनी खुशी जाहिर करने लगे. इन तस्वीरों पर हजारों चीनी नागरिकों ने दिल के आकार की इमोजी पोस्ट की तो कुछ ने ताली बजाने की तो कई ने रिबन काटकर सेलिब्रेट करने की इमोजी पोस्ट की. चांद की सतह पर फहराया गया ध्वज, पहले से ज्यादा स्टाइलिश है. इसे कुछ विशेष सामग्री से बनाया गया था और इसका वजन केवल 12 ग्राम है.
यान ने पैर के पास से लेकर क्षितिज तक की तस्वीर ली
बीबीसी की एक रिपोर्ट की माने तो, चीन के इस अंतरिक्ष यान ने चांद की सतह पर अपने पैर के पास से लेकर क्षितिज तक की तस्वीर भी ली थी. चांद की सतह पर लैंड करने के बाद से ही इसने नमूने इकट्ठा करने का काम शुरू कर दिया. गुरुवार को चीनी अंतरिक्ष एजेंसी ने भी चांग-ई-5 के बारे में जानकारी दी. चंद्रमा की सतह से मिट्टी और पत्थर इकट्ठा करने के लिए भेजे गए चांग ई-5 चंद्रमा लैंडर में एक कैमरा, रडार, एक ड्रिल और एक स्पेक्ट्रोमीटर फिट किया गया था इनके इस्तेमाल से चांद की सतह से मिट्टी के बेहतर नमूने एकत्र किए जा सके.
चंद्र सतह पर उतरने के 19 घंटे के भीतर एकत्र किए नमूने
वहीं चीनी अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया की मंगलवार को चांग ई-5 एस्केंडर द्वारा चंद्रमा की सतह पर उतरने के 19 घंटे के अंदर नमूने एकत्र किए गए. गुरुवार शाम के एस्केंडर ने चांद से 15 किलोमीटर दूर परिक्रमा में शामिल होने के लिए 3 हजार न्यूटन थ्रस्ट इंजन के साथ उड़ान भी भरी.
चीन चंद्रमा से नमूने प्राप्त करने वाला तीसरा देश होगा
बता दें कि चांग’-5 मिशन को चंद्रमा की उत्पत्ति को समझने और चंद्रमा की सतह के नमूनों को लिए चंद्रमा पर भेजा गया था. चीनी वैज्ञानिक भी इसकी सतह से नमूनों का अध्ययन करने के बाद चंद्रमा पर ज्वालामुखी गतिविधि को समझने की उम्मीद कर रहे हैं. गौरतलब है कि 1960 और 1970 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका और पूर्व सोवियत संघ के बाद चीन चंद्रमा से नमूने प्राप्त करने वाला तीसरा देश होगा. आखिरी मिशन 1976 में पूर्व सोवियत संघ के लूना 24 मिशन द्वारा किया गया था.
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