लगातार 104 दिन तक काम करता रहा चीन का ये शख्स... सिर्फ एक दिन लिया ऑफ, फिर हो गई मौत
Viral News: अबाओ ने अपना पेट पालने के लिए इस कदर काम किया कि अब वो इस दुनिया में ही नहीं है. यह दिल दहला देने वाली घटना चीन के झेजियांग प्रांत के एक शहर झोउ शान की है.
Trending News: कहते हैं पापी पेट का सवाल है. ये कहावत इसलिए कही गई क्योंकि पेट को भरने के लिए ही इंसान हर तरह के पाप करता है. लेकिन कई बार पेट को भरने के चक्कर में वो अपनी जान से भी हाथ धो बैठता है. इसका जीता जागता सबूत चीन का एक शख्स है जिसका नाम अबाओ है. अबाओ ने अपना पेट पालने के लिए इस कदर काम किया कि अब वो इस दुनिया में ही नहीं है. यह दिल दहला देने वाली घटना चीन के झेजियांग प्रांत के एक शहर झोउ शान की है.
चीन के शख्स ने बिना छुट्टी के किया काम
अबाओ ने इस साल जनवरी तक झोउ शान शहर में एक प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए सहमति जताई. उनका शेड्यूल इतना ज्यादा थका देने वाला था कि इसने उनकी जान ले ली. अबाओ ने फरवरी से लेकर मई तक बिना रुके लगातार काम किया, और इसमें एक भी छुट्टी शामिल नहीं थी. 25 मई को आबाओ बीमार पड़ गए और उन्होंने एक दिन की छुट्टी ले ली. बावजूद इसके उनकी हालत तेजी से बिगड़ती चली गई. तीन दिन बाद, उनके सहकर्मी उन्हें हॉस्पिटल ले गए जहां पर उनका इलाज किया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
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104 दिन लगातार किया काम और हो गई मौत
जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया तब डॉक्टरों ने पाया कि उनके फेफड़ों में संक्रमण फेल गया है और उनके लिए सांस लेना मुश्किल हो रहा है. उन्हें कई तरह के ट्रीटमेंट दिए गए लेकिन कुछ दिनों बाद ही अबाओ की मौत हो गई. पता ये चला कि अबाओ ने फरवरी से मई तक लगातार काम किया, जिसके चलते उन्हें आराम करने का मौका नहीं मिला और इसका गहरा असर उनके फेफड़ों पर पड़ा, जिससे उनके शरीर में ऑक्सीजन की कमी हुई और इससे उनकी मौत हो गई.
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परिवार ने मांगा इंसाफ
अबाओ की मौत के बाद, उनके परिवार ने उनके नियोक्ता के खिलाफ घोर लापरवाही का मुकदमा दायर किया. इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों ने विवादास्पद रूप से फैसला सुनाया कि उनकी मौत को इससे नहीं जोड़ा जा सकता कि उन्होंने लगातार काम किया, परिवार ने तर्क दिया कि नॉनस्टॉप वर्क शेड्यूल और आराम की कमी ने सीधे तौर पर अबाओ की मौत में योगदान दिया. इस पर परिवार अब अबाओ के लिए न्याय मांग रहा है.
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कंपनी ने दिया तर्क
कंपनी जिसमें अबाओ काम कर रहे थे उसने तर्क दिया कि अबाओ को जो काम दिया गया था वो उनके हिसाब से ही था और उसमें आराम करने के उचित घंटे मौजूद थे जिसे वो कभी भी इस्तेमाल कर सकते थे. कंपनी ने कहा कि उनकी यह हालत पहले की किसी मेडिकल स्थिति की वजह से हुए जिसका उन्होंने वक्त पर इलाज नहीं किया. हालांकि अदालत ने अबाओ के परिवार के पक्ष में फैसला सुनाया जिसमें कंपनी को अबाओ की मौत का 20 प्रतिशत जिम्मेदार ठहराया. अदालत ने कहा कि लंबे समय तक काम करवाना यह चीन के श्रमिक कानून का साफतौर पर उल्लंघन है. जो कहता है कि एक दिन में 8 घंटे और हफ्ते में 44 घंटे से ज्यादा किसी भी श्रमिक से काम नहीं लिया जा सकता.
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अदालत ने मुआवजे के दिए आदेश
अदालत ने अबाओ के परिवार को 400000 युआन जो कि भारतीय रुपयों के 47 लाख 19 हजार रुपये के बराबर है को दिए जाने का आदेश दिया. जिसमें भावनात्मक परेशानी के लिए 10,000 युआन शामिल हैं. कंपनी की अपील के बावजूद, अगस्त में मूल फैसले को बरकरार रखा गया, जो चीन में अत्यधिक काम के मुद्दों को रोशनी में लाने का एक जरूरी कदम था.
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