ऐसा क्यों लगता है कि ये घटना पहले हो चुकी है, आखिर क्या है 'Deja Vu'? वैज्ञानिकों ने खोज निकाला जवाब
'डेजा वू' एक खास तरह की फीलिंग है, जिसमें व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है कि जो उसके साथ वर्तमान में हो रहा है, वह पहले भी कहीं घटित हो चुका है.
जब कोई इंसिडेंट आपके साथ हो रहा होता है, तो क्या आपको कभी ऐसा महसूस हुआ कि ये घटना आपके साथ पहले भी घटित हो चुकी है? या आप कहीं जाते हैं तो आपको अचानक से ऐसा एहसास होता है जैसे आप उस जगह पर पहले भी आ चुके हैं? इस तरह की फीलिंग सभी को कभी न कभी आती जरूर है और ये फीलिंग सिर्फ कुछ सेकंड के लिए रहती है. इस फीलिंग को 'डेजा वू' (Deja Vu) कहते हैं, जो एक फ्रांसीसी वर्ड है, जिसका मतलब होता है कि किसी इंसिडेंट या फीलिंग को आप पहले भी देख चुके हैं.
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, लाइसेंस्ड क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. सनम हाफ़िज़ ने बताया कि 'डेजा वू' एक खास तरह की फीलिंग है, जिसमें व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है कि जो उसके साथ वर्तमान में हो रहा है, वह पहले भी कहीं घटित हो चुका है. हालांकि ये असल में एक नई और अनजानी घटना होती है. डॉ. हफीज ने बताया कि 'डेजा वू' जब आता है तो व्यक्ति को ऐसा लगता है कि वह पहले भी इसे महसूस कर चुका है या जो वर्तमान में उसके साथ घटित हो रहा है, वह पहले भी कहीं हो चुका है.
क्यों आता है 'डेजा वू'?
'डेजा वू' के आने के पीछे की वजह हमेशा से रहस्यमय बनी हुई है. इसे समझाने के लिए कई सारे सिद्धांत भी प्रस्तावित किए गए है. कुछ लोगों का मानना है कि डेजा वू का कनेक्शन इस बात से हो सकता है कि दिमाग कई सारी यादों को स्टोर करके रखता है. 60 से 70 प्रतिशत तक अच्छी हेल्थ वाले लोग अपनी पूरी जिंदगी में किसी न किसी रूप में 'डेजा वू' को एक्सपीरियंस जरूर करते हैं. बाकी सिद्धांतों से यह भी मालूम चलता है कि हमारा दिमाग कई सारी चीजों से जानकारी लेता है और उसे प्रोसेस करता है.
क्या डेजा वू का कनेक्शन किसी बीमारी से है?
ऐसा जरूरी नहीं है कि डेजा वू सिर्फ एक ही एजग्रुप के लोगों को प्रभावित करता है. ये फीलिंग सभी एजग्रुप के लोगों को कभी न कभी तो जरूर आती है. हालांकि इसे किसी बीमारी से नहीं जोड़ा जा सकता है. ये एक सामान्य स्थिति है, जो लगभग हर इंसान के साथ घटित होती है. हेल्थ डॉट कॉम की मानें तो 15-25 साल के लोग डेजा वू को सबसे ज्यादा महसूस करते हैं. इसके अलावा, जिन लोगों ने बहुत ज्यादा पढ़ाई की है या दुनिया के अलग-अलग हिस्सों की काफी बार यात्रा की है, उनमें भी ये कंडीशन सबसे ज्यादा देखी जा सकती है.