'कर ना सके इकरार तो कोई बात नहीं मेरी वफा...' चुनाव आयोग के शायराना अंदाज पर यूजर्स ने ले लिए मजे
चुनाव की तारीखों के ऐलान के दौरान होती शायरी को देख सोशल मीडिया यूजर्स भी लोकतंत्र का पूरा इस्तेमाल करते हुए कटाक्ष करने मैदान में कूद पड़े, जहां उन्होंने राजीव कुमार की शायरी को लेकर जमकर तंज कसे.
दिल्ली विधानसभा के चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया है, हर बार की तरह इस बार भी चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देश के सामने दिल्ली के चुनावों का प्लान रखा. लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का माहौल थोड़ा शायराना कर दिया. मुशायरे का माहौल बनता देख चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त राजीव कुमार ने एक के बाद एक शेर दागे जिसके बाद उनकी क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. चुनाव की तारीखों के ऐलान के दौरान होती शायरी को देख सोशल मीडिया यूजर्स भी लोकतंत्र का पूरा इस्तेमाल करते हुए कटाक्ष करने मैदान में कूद पड़े, जहां उन्होंने राजीव कुमार और उनकी शायरी को लेकर जमकर तंज कसे, तो कुछ लोगों ने इसे सही करार दिया.
EC ने पढ़ी ऐसी शायरी
दरअसल, मौका था दिल्ली में होने जा रहे विधानसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान का, जहां इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के चीफ कमिश्नर बीच वाली कुर्सी पर बैठे अध्यक्षता संभाल रहे थे. ऐसे में ईवीएम की पारदर्शिता को लेकर उठ रहे सवाल पर जवाब देते हुए उन्होंने एक के बाद एक शायरी दागना शुरू कर दिया.
जिसके बाद सोशल मीडिया पर ये प्रेस कॉन्फ्रेंस चर्चा का विषय बन गई. राजीव कुमार ने कहा, "सब सवाल अहमियत रखते हैं जवाब तो बनता है.. आदतन कलम बंद जवाब देते रहे आज रूबरू भी बनता है...क्या पता कल हम हो ना हो आज जवाब तो बनता है "
मैं सरकार से अनुरोध करता हू कि अगली बार एक शायर को ही चुनाव आयुक्त बनाया जाए, कम से कम शेर तो अच्छे सुनने को मिलेंगे।
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) January 7, 2025
ना इनसे शायरी हो पाती है, ना चुनाव करवा पाते है।pic.twitter.com/3q99tqEi4k
एक के बाद एक दागे शेर
इसके बाद राजीव कुमार ने आगे शायरी पढ़ते हुए कहा..." ''कर ना सके इकरार तो कोई बात नहीं...मेरी वफा का उनको....ऐतबार तो है...शिकायत भले ही उनकी मजबूरी हो....मगर सुनना, सहना और सुलझाना हमारी आदत है''- मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने शायराना अंदाज में दिया जवाब " इसके बाद तो यूजर्स ने चुनाव आयोग की जमकर क्लास लगा दी. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए यूजर ने लिखा- मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि अगली बार एक शायर को ही चुनाव आयुक्त बनाया जाए, कम से कम शेर तो अच्छे सुनने को मिलेंगे. ना इनसे शायरी हो पाती है, ना चुनाव करवा पाते हैं.
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पहली शायरी: कर न सके इकरार तो कोई बात नहीं, मेरी वफा का इन्हें ऐतबार तो है शिकायत भले ही हो, मगर सुनना, सहना सुलझाना हमारी आदत है.
दूसरी शायरी: सब सवाल अहमियत रखते हैं जवाब तो बनता है आदतन कलमबंद जवाब देते रहे, रूबरू जवाब बनता है क्या पता कल हम हो न हों आज जवाब तो बनता है.
"चुनाव आयोग" की शायरी भी मायने रखती है 👌🙏 pic.twitter.com/SNkVxUE0U1
— रागिनी शुक्ला : सुषमा जी की भक्त (@Ragini24Shukla) January 7, 2025
तीसरी शायरी: आरोपों और इल्जामात का दौर चले, कोई गिला नहीं, झूठ के गुब्बारों को बुलंदी ममिले शिकवा नहीं हर परिणाम में प्रमाण देते हैं, वो शक की दुनिया को बढ़वा देते हैं, शक का इलाज हकीम लुकमान के पास नहीं
इलेक्शन कमीशन ने आज 2 बजे शेरो शायरी का आयोजन रखा है। pic.twitter.com/jk6wiMmfiH
— Rahul Baghel (@RahulBa42905365) January 7, 2025
इसके बाद तो सोशल मीडिया पर मीम्स और तंज वाले पोस्ट की बाढ़ सी आ गई. एक और यूजर ने पोस्ट शेयर कर लिखा....इलेक्शन कमिशन पर ईवीएम को लेकर सवाल उठ रहे हैं, और ये महोदय वहां बैठकर जवाब देने के बजाए मुशायरा पढ़ रहे हैं. एक और यूजर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का पोस्टर शेयर करते हुए लिखा....अगर पता होता प्रेस कॉन्फ्रेंस की जगह मुशायरा है, तो मैं कभी नहीं जाता.
एक और यूजर ने विज्ञप्ति शेयर करते हुए लिखा आज दोपहर 2 बजे EC ने मुशायरे का आयोजन रखा है. इसके अलावा कई लोग चुनाव आयुक्त के इस शायराना अंदाज को सही ठहरा रहे हैं.
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