मौत के 5 साल बाद पिता बनेगा यह शख्स, दिल्ली हाईकोर्ट ने जारी किए निर्देश, वजह हैरान कर देगी
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में 5 साल पहले मरे शख्स को अब बाप बनाने की तैयारी चल रही है. दिल्ली हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा कि शख्स की मौत के बाद दादा दादी बच्चे का पालन पोषण करे यह आम बात है.
Trending News: हाल ही में दिल्ली से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया, जहां हाईकोर्ट ने मरे हुए शख्स के स्पर्म को उसके परिवार को सौंप देने को लेकर जरूरी फैसला सुनाया. फैसले को लेकर दायर हुई याचिका में मृत व्यक्ति के स्पर्म को परिवार को सौंप देने की बात कही गई थी, जिसे लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने अब आदेश जारी किए हैं. मामला करीब 5 साल पुराना है. जहां सर गंगाराम अस्पताल में कैंसर से मरे एक शख्स के स्पर्म को रिलीज करने का आदेश दिया गया.
मरे हुए शख्स के स्पर्म को लेकर आया हाईकोर्ट का आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक चौंकाने वाले फैसले से सभी को हैरान कर दिया. हाईकोर्ट ने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल को ये आदेश दिया कि वह एक मृत शख्स के फ्रीज किए हुए स्पर्म बच्चे के जन्म के लिए उसके माता पिता को देदे. हाईकोर्ट ने कहा कि मरने के बाद भारतीय कानून में बच्चा पैदा करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने मरने वाले शख्स के पिता की अपील पर यह फैसला सुनाया. मृतक के पिता चाहते थे कि उनके बेटे के शुक्राणु उन्हें दे दिए जाएं जिससे कि वह अपनी नस्ल को आगे बढ़ता हुआ देखें. न्यायाधीश ने कहा कि माता पिता के मरने के बाद कई सारे दादा दादी अपने पोते पोतियों का पालन पोषण कर रहे हैं और यह एक आम बात है.
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जमे हुए स्पर्म परिवार को सौंपने को कहा
नवंबर 2022 में हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को नोटिस जारी किया था, जिसमें मृत व्यक्ति के स्पर्म को अस्पताल से रिलीज करने वाली याचिका पर जवाब मांगा गया था, यह याचिका मृत व्यक्ति के माता पिता ने दायर की थी. याचिका में मृत व्यक्ति ने कहा था कि सर गंगाराम अस्पताल में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन लैब में रखे उनके बेटे के जमे हुए स्पर्म को रिलीज किया जाए जिसकी 2020 में कैंसर के दौरान मौत हो गई थी. माता पिता ने अस्पताल से कांटेक्ट किया लेकिन अस्पताल ने ये कहते हुए इनकार कर दिया कि उनके पास इसे रिलीज करने के कोई सरकारी आदेश नहीं हैं, और वह इसे कोर्ट के ऑर्डर पर ही रिलीज कर सकते हैं.
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सरकार को कहा मामले में दखल दें
इससे पहले कोर्ट ने दिल्ली सरकार और गंगा राम अस्पताल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. एएनआई के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट ने सर गंगाराम अस्पताल को निर्देश दिया कि वह सरोगेसी के लिए मृत व्यक्ति के जमे हुए शुक्राणु उसके माता-पिता को दें. हाईकोर्ट ने कहा कि जमे हुए स्पर्म को रिलीज न करने को लेकर कोई कानून नहीं है और यह भी कहा गया कि आईसीएमआर गाइडलाइन और सेरोगेसी अधिनियम भी इस मुद्दे पर चुप हैं. कोर्ट ने कहा कि सरकार का इस फैसले के प्रति नजरिया बेहद जरूरी है.
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