Trending Internet Cafe On Wheels: कहते हैं जहां चाह होती है वहीं राह होती है. ये बात सच साबित कर दिखाई है उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के युवा शिवम गुप्ता ने जिसने ठेले पर ही इंटरनेट कैफे खोल रखा है.


कोई कल्पना भी नहीं कर सकता कि हाथ वाले ठेले पर भी साइबर कैफे चलाया जा सकता है. संगमनगरी प्रयागराज के शिवम गुप्ता ने ये अनोखा कारनामा कर दिखाया है. ये कहानी तब शुरू हुई जब शिवम को तीन साल पहले मानेसर में एक ऑटोमोबाइल प्लांट में नौकरी से निकाल दिया गया. 23 साल के शिवम ने बेरोजगार हो जाने पर एक ठेले पर अपना साइबर कैफे चलाना शुरू किया, जबकि शिवम के पास कंप्यूटर/आईटी में कोई भी कोर्स नहीं कर रखा है. 


दरअसल 2018 में पिता की अचानक मौत की वजह से शिवम पर ही पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई. शिवम के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो कोई शॉप किराए पर ले पाता. तब शिवम ने 55,000 रुपये इकठ्ठा करके एक ठेला और कंप्यूटर व अन्य उपकरण खरीदे और ठेले पर ही अपना एक इंटरनेट कैफे खोलने की सोची.


लोकप्रिय हुआ कैफे ऑन व्हील्स


लोगों ने शिवम और उसके कैफ़े ऑन व्हील्स को खूब पसंद किया और उसकी इस अनोखी सोच को सलाम भी किया. शिवम का ये इंटरनेट कैफे उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहा है जो ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ जाते हैं और जिन्हें डॉक्यूमेंट्स के प्रिंटआउट लेने होते हैं.


इसके अलावा यहां मनी ट्रांफर की सुविधा भी उपलब्ध है और रेलवे की टिकट भी यहां से बन जाती है. शिवम का कैफे ऑन व्हील्स (Cafe On Wheels) प्रतियोगी छात्र छात्राओं को विभिन्न प्रतियोगिताओं के फॉर्म भरने में भी मदद करता है जिससे इन लोगों का कम समय में काम बन जाता है.


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