जी ललचाए रहा न जाए: समंदर में मिला शैंपेन भरा शिप, पर नहीं दी जा रही पीने की इजाजत
175 Years Old Champagne Found In Shipwrecked: पोलिश गोताखोरों की एक टीम जब समुद्र की गहराइयों में लगभग 175 साल पुराने जहाज का मलबा ढूंढा.जिसमें उन्हें 100 से ज्यादा शैंपेन की बोतले मिलीं.
175 Years Old Champagne Found In Shipwrecked: समुद्र में बहुत से जहाजों के मलबे दबे पड़े हैं. कई ऐसे जहाज है जो कि कई हजारों सालों से समंदर की तह में समाए हुए हैं. अक्सर बहुत से गोताखोर जब समुंदरों की गहराइयों में जाते हैं. तब उन्हें अक्सर कई जहाजों के मलबे दबे मिलते हैं. हाल ही में पोलिश गोताखोरों की एक टीम जब समुद्र की गहराइयों में थी.
तब उन्होंने एक बड़ी ही अलग तरह की चीज देखी. उन्हें 19वीं शताब्दी के एक जहाज का मलबा मिला. जिसमें गोताखोरों को बहुत कीमती सामान मिला. तो इसके साथ ही उन्हें करीब 175 साल पुरानी शैंपेन की बोतलें भी मिली. सोशल मीडिया काफी हैरान रह गए. जहाज के मलबे में एक दो नहीं तकरीबन 100 शैंपेन की बोतलें थी. पूरा मामला सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.
शैंपेने के साथ और क्या-क्या मिला?
निजी गोताखोरों के समूह बाल्टिकटेक जब बाल्टिक सागर में खोज कर रहा था. तब उन्हें सोनार इमेज में कुछ दिखाई दिया. पहले तो उन्होंने इसे एक नॉर्मल मछली पकड़ने वाले शिप समझा और ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. लेकिन इस समूह के दो गोताखोर गहराई में गए और जहाज की जांच करने का फैसला लिया. उसके बाद जब वापस आए तब उन्होंने अपने ग्रुप को हैरान करने वाली खबर दी. उन्होंने बताया जहाज में बहुत सी कीमती चीजें मौजूद हैं. निजी गोताखोरों के समूह बाल्टिकटेक द्वारा जारी गई प्रेस रिलीज के मुताबिक.
जहाज के मलबे में उन्हें बहुत से चीनी मिट्टी के बर्तन मिले, मिनरल वाटर की बोतलें मिलीं और इसके साथ ही शैंपेन की भी खूब सारी बोतलें मिली. सेल्टर्स नाम के वाटर ब्रांड का मिनरल वाटर मिला. यह कंपनी आज भी पानी की बोतलों की मैन्युफैक्चरिंग करती है. जानकारी के मुताबिक शैंपेन की करीब 100 से ज्यादा बोतलें मिली है. जो कि अभी भी इस्तेमाल करने की हालत में हो सकती हैं. हालांकि स्वीडिश अथॉरिटी ने में किसी को भी शैंपेन पीने से मना किया है.
किसका था जहाज?
गोताखोरों के समूह ने बताया अपने 40 साल की करियर में उन्होंने इस तरह का कुछ पहले कभी नहीं देखा. टीम के लीडर स्टैचुरा ने बताया कि यह जहाज रूस के राजा जार निकोलस प्रथम का हो सकता है. क्योंकि साल 1852 के दौरान इसी इलाके में उनका एक जहाज सामान लेकर जा रहा था वह डूब गया था. उसे दौरान सामान लाने ले जाने के लिए इसी रास्ते का इस्तेमाल किया जाता था. 19वीं साड़ी में रुस में शैंपेने खूब पी जाती थी.
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