पालतू कुत्ते ने किया गजब का कारनामा, महाराष्ट्र से कर्नाटक तक पैदल चलकर पहुंच गया मालिक के घर
एक लापता कुत्ता अपने मालिक के पास 250 किमी दूर से पहुंच गया. कुत्ते का नाम महाराज बताया जा रहा है. महाराज दक्षिण महाराष्ट्र के तीर्थनगर पंढरपुर से खो गया था.
Trending News: कुत्ता इंसान का सबसे वफादार दोस्त माना जाता है. ऐसे में अगर कुत्ते को भी बदले में वफादारी मिले तो वो आपके लिए अपनी जान तक देने को तैयार हो जाता है. इंसान और कुत्ते का रिश्ता बेहद भावुक है. ऐसा ही एक मामला देश के राज्य कर्नाटक से आया है जहां एक लापता कुत्ता अपने मालिक के पास 250 किमी दूर से पहुंच गया. कुत्ते का नाम महाराज बताया जा रहा है. महाराज दक्षिण महाराष्ट्र के तीर्थनगर पंढरपुर से खो गया था.
एक पदयात्रा के दौरान छूटा साथ
कर्नाटक के बेलगावी जिले से एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां एक महाराज नाम का कुत्ता महाराष्ट्र में कमलेश कुंभर पंढरपुर में वार्षिक 'वारी पदयात्रा' के दौरान अपने मालिक कमलेश कुंभार से बिछड़ गया था. कमलेश कुंभार ने बताया कि वह हर साल आषाढ़ एकादशी और कार्तिक एकादशी के समय पंढरपुर जाते हैं.इस बार महाराज भी उनके साथ थे.उन्होंने कहा, "महाराज को भजन सुनना पसंद है.वह एक बार मेरे साथ महाबलेश्वर के पास ज्योतिबा मंदिर भी जा चुका है.
इस कुत्ते को (नाम -"महाराज") को हमेशा भजन सुनना पसंद है.
— 🇮🇳 ✨शिव सिंह सोलंकी✨ 🇮🇳 (@Shiv4477) July 31, 2024
एक मामला कर्नाटक के बेलगावी जिले से सामने आया है. जहां एक खोया हुआ कुत्ता 250 किलोमीटर का सफर तय करके अपने मालिक के पास पहुंचा.
यह कुत्ता महाराष्ट्र में एक यात्रा के दौरान गायब हो गया था.
मामला बेलगावी जिले के निपानी… pic.twitter.com/DPgPF2gtKS
हमेशा भजन में लीन रहता है कुत्ता
कुंभर ने कहा, 'महाराज (कुत्ता) को हमेशा भजन सुनना पसंद है. वह मेरे साथ महाबलेश्वर के निकट ज्योतिबा मंदिर की पदयात्रा पर गया. लगभग 250 किलोमीटर तक वह मेरे और मेरे दोस्तों के साथ था. लेकिन विठोबा मंदिर के दर्शन करने के बाद महाराज (कुत्ता) अचानक लापता हो गया. हमने उसे काफी ढूंढा लेकिन वह कहीं नहीं मिला. कुत्ते के मालिक कुंभर ने कहा ने कहा कि इसके बाद भी मैंने काफी जगह उसे तलाश किया. लेकिन वह मुझे नहीं मिला तो, मैंने सोचा कि शायद लोग सही कह रहे थे कि वह किसी और के साथ चला गया. मैं 14 जुलाई को अपने गृह नगर लौट आया. कुंभर ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि अगले ही दिन महाराज मेरे घर के सामने खड़ा पूंछ हिला रहा था, जैसे कि कुछ हुआ ही न हो.
कुत्ते के लौटने की खुशी में पूरे गांव को कराया भोज
वह यह देखकर हैरान हो गया. वह अच्छी तरह से खाया-पिया और बिल्कुल ठीक लग रहा था. उन्होंने कहा कि घर से लगभग 250 किलोमीटर दूर खोए कुत्ते का घर वापस लौटना चमत्कार ही है. हमारा मानना है कि भगवान पांडुरंग ने उसका मार्गदर्शन किया. उन्होंने कहा कि कुत्ता दक्षिण महाराष्ट्र के तीर्थनगर पंढरपुर में भीड़ में खोया था, लेकिन अपने दम पर लगभग 250 किलोमीटर की यात्रा करके उत्तरी कर्नाटक के बेलगावी के गांव में वापस आ गया. कुत्ते के वापस लौटने पर मालिक ने उसे फूल मालाएं पहनाकर पूरे गांव में घुमाया और एक सार्वजनिक भोज का भी आयोजन किया.
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