Russia Ukraine War News: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को तीन महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. ये जगजाहिर है कि रूस (Russia) ने यूक्रेन (Ukraine) में सेना का इस्तेमाल कर भारी तबाही मचाई है. 24 फरवरी, 2022 को शुरू हुई ये जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. अभी भी रूस, यूक्रेन में भारी तबाही मचा रही है.


इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने 4 जून को एक वीडियो शेयर कर रूसी आक्रमण के बारे में दुनिया को जानकारी दी. जेलेंस्की ने डोनेट्स्क ओब्लास्ट में एक बड़े लकड़ी के मठ यानी मोनेस्ट्री (Monastery) के नष्ट होने के लिए रूसी सेना को दोषी ठहराया.






बता दें, शनिवार को सोशल मीडिया पर अपलोड की गई फुटेज में The Skete of All Saints of the Holy Dormition Svyatogorsk, Lavra से आग की लपटें दिखाई दे रही हैं. ये यूक्रेनी ऑर्थोडॉक्स चर्च के डोनेट्स्क सूबे का हिस्सा है.


रूस ने यूक्रेन के दावे को किया खारिज


यूक्रेनी सशस्त्र बलों के 95वें एयरबोर्न डिविजन में एक अधिकरी यूरी कोचेवेन्को और संस्कृति एवं सूचना नीति मंत्री ऑलेक्जेंडर टकाचेंको सहित सहित यूक्रेनी अधिकारियों ने इस आग के लिए रूसी गोलाबारी को जिम्मेदार ठहराया. वहीं रूसी आर्मी ने ये दावा किया कि "यूक्रेनी राष्ट्रवादियों" ने क्षेत्र से पीछे हटने के बाद स्केट को आग लगा दी.


शनिवार शाम एक वीडियो संबोधन में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस यूक्रेन की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को जानबूझकर और व्यवस्थित रूप से नष्ट कर रहा है. उन्होंने कहा  कि 101 दिन पहले आक्रमण की शुरुआत के बाद से देश में अब तक 113 चर्चों को नष्ट या क्षतिग्रस्त किया जा चुका है.


रूस-यूक्रेन विवाद क्या है?


रूस चाहता है कि नाटो पूर्वी यूरोप में अपना विस्तार फौरन बंद करे. इससे उसे खतरा है. ब्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) कई बार कह चुके हैं कि यूक्रेन का NATO में शामिल होना रूस को किसी कीमत पर मंजूर नहीं है. वो इसकी लिखित गारंटी चाहते हैं कि यूक्रेन नाटो में नहीं जाएगा. रूस ये भी चाहता है कि नाटो रूस के आसपास अपने देशों द्वारा हथियारों की तैनाती बंद करे. 


दूसरी ओर, यूक्रेन की सेना काफी छोटी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के पास करीब 8.5 लाख सैनिक हैं तो यूक्रेन के पास महज 2 लाख जवान हैं. दोनों के रक्षा बजट में भी काफी अंतर है. यूक्रेन को रूस से खतरा महसूस होता है, इसलिए वह अपनी आजादी बरकरार रखने के लिए ऐसे सैन्य संगठन की जरूरत महसूस करता है जो उसकी रक्षा कर सके और उसके लिए NATO से बेहतर कोई दूसरा संगठन नहीं हो सकता. क्योंकि उसके आसपास के कई दोस्त पहले से नाटो के सदस्य हैं.


ये भी पढ़ें- Viral Video: बिल्डिंग में लगी आग, खिड़की पर फंसी थी बिल्ली, फिर जो हुआ वो आप भी देखिए


ये भी पढ़ें- Watch: ट्रक के आगे अचानक आया बच्चा, युवक ने जान पर खेलकर बचाई मासूम जिंदगी