Employee Viral Message To Boss: ऑफिस में जो लोग भी काम करते हैं, उन्हें पता होगा ऑफिस में आप कोई काम अधूरा छोड़कर नहीं आ सकते. आपको दिन भर में जो काम दिया जाता है. आपको उस काम को पूरा करना होता है. फिर अगर इसके लिए 15-20 मिनट ज्यादा देर तक भले क्यों ना आपको ऑफिस में रुकना पड़े.  अमूमन हर ऑफिस में ही ऐसा होता है.


हां कई  एम्पलाई ऐसे भी होते हैं जो समय से पहले ही काम निपटा देते हैं. लेकिन ऐसे एम्पलाई बहुत कम होते हैं. सोशल मीडिया पर एक एंप्लॉय का मैसेज इन दिनों खूब वायरल हो रहा है. जहां एम्पलाई 10 से 7 की शिफ्ट में 8:30 बजे ऑफिस से निकलता है. बॉस को मैसेज करता है आज देरी से जा रहा हूं इसलिए कल लेट आऊंगा. सोशल मीडिया पर एंप्लोई का मैसेज काफी वायरल हो रहा है. 


'आज लेट जा रहा हूं, कल लेट आऊंगा'


जब आप किसी दफ्तर में काम करते हैं तब आपको कई कामों को लेकर डेडलाइन दी जाती है. जैसे कोई जरूरी काम है. जो आपको एक दिन में ही खत्म करना होता है. लेकिन अगर आप लेट करते हैं. तो उस काम को खत्म करने के लिए आपको अपनी वर्किंग अवर्स से ज्यादा समय ऑफिस में बताना होता है. यह बड़ी सामान्य प्रक्रिया है और लगभग दफ्तर में इसी तरह से कम होता है. लेकिन आजकल के Gen Z जनरेशन के एम्पलाइज का यह मानना नहीं है. 


सोशल मीडिया पर इन दिनों एक मैसेज खूब वायरल हो रहा है. जिसमें एक एंप्लाई ने अपने बॉस को जो मैसेज किया है उसे पढ़ने के बाद बॉस सदमे हैं. एंप्लाई ने बॉस को मैसेज करते हुए लिखा है मैं कल सुबह 11:30 बजे आऊंगा क्योंकि आज मैं ऑफिस से रात 8:30 बजे निकल रहा हूं. सोशल मीडिया पर एंप्लाई का यह मैसेज खूब वायरल हो रहा है. 


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यह था पूरा मामला


दरअसल एडवोकेट आयुषी दोषी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के अकाउंट पर एक स्क्रीनशॉट शेयर किया. जिसमें लिखा था 'पिछली रात में साढ़े 8 बजे ऑफिस से निकला था. इसलिए मैं अगले दिन ऑफिस साढ़े 11 बजे आउंगा.' इसके कैप्शन में उन्होंने लिखा 'मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि मेरे जूनियर ने मुझे यह भेजा है. आज कल के बच्चे कुछ और ही है. वह पिछली रात देर तक रुका था, इसलिए अब वही इसकी भरपाई करने के लिए अगले दिन देर से आएगा. मै सच में नि शब्द हूं! क्या कदम उठाया है.'


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'फोन पर लगा रहता है'


एडवोकेट आयुषी की इस पोस्ट पर कई लोग एंप्लॉय का पक्ष ले रहे थे. और आयुषी को ही टाइम मैनेजमेंट और एम्पलाई वेलफेयर का पाठ सिखा रहे थे. इसके जवाब में मामला और साफ करते हुए तफसील से बताते हुए 'कमेंट करने वाले सभी लोगों को मैं पूरा मामला स्पष्ट कर दूं. मेरे जूनियर को उसका काम पूरा करने के लिए 3 डेडलाइन मिल चुकी थी. जिसके लिए सिर्फ पूरे 1 दिन काम की जरूरत होती है. उनकी शिफ्ट सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक की थी।लेकिन वह दिए समय पर काम नहीं कर पाता. इसलिए उसे डेढ़ घंटे और बैठना पड़ता है। मुद्दा यह है कि वह काम पर फोकस करने के बजाय फोन पर लगा रहता है। जब किसी काम को पूरा करने की डेडलाइन हो, तो अधिक समय तक रुकना पड़ता है.


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