Engineering College Which Take Cows as Fees: क्या आपने कभी किसी ऐसे इंजीनियरिंग कॉलेज का नाम सुना है जिसमें फीस के रूप में गाय को लिया जाता हो. जी हां आपने बिल्कुल सही पढ़ा! कभी फीस के रूप में गाय लेने वाले बिहार के बक्सर के इंजीनियरिंग कॉलेज में अब ताला लग गया है. कॉलेज बैंक की लोन राशि चुकाने में असमर्थ था. इस कारण बैंक ने कॉलेज में ताला जड़ दिया. इस कॉलेज को गरीब और किसान के बच्चों की उच्च शिक्षा के मकसद से खोला गया था.


गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए खुला था कॉलेज
देखा जाए तो यह कॉलेज भी अलग प्रकार का एक एक्सपेरिमेंट था जिसमें किसानों ने अपनी जमीन दान करके इंजीनियर सर्किल की मदद से कॉलेज का निर्माण कराया गया था. इस कॉलेज को खोलने का मकसद यह था कि पैसे न होने के अभाव में किसान के बच्चे पढ़ाई से वंचित न रह जाएं. यहां किसान के बच्चों से फीस के रूप में एक बछिया ली जाती थी. इसके बदले उन्हें चार साल इंजीनियरिंग करने का मौका मिलता था.


फीस लेने के तरीके से सुर्खियों में आया था कॉलेज
इस कॉलेज में पढ़ाई साल 2010 में शुरू हुई. किसानों के बच्चों की पढ़ाई और अपने फीस लेने के अनोखे तरीके के कारण यहकॉलेज जल्द ही सुर्खियों में आ गया. जिस गाय को फीस के रूप में लिया जाता था उसका दूध कॉलेज के बच्चे ही इस्तेमाल करते थे. वह उस दूध को खरीदकर पीते थे. इस कॉलेज को बनाने के लिए बैंक से 4 करोड़ का लोन भी लिया गया था. कॉलेज के फाउंडर एसके सिंह ने एक मीडिया हाउस को बताया कि साल 2013 तक उसकी किस्त सही तरीके से चुकाई जा रही थी. इसके बाद बैंक ने और लोन देने से इनकार कर दिया और कॉलेज का विकास रुक गया. इस कारण बैंक को लोन नहीं चुकाया जा सका. इसके बाद साल 2017 में कॉलेज बंद करना पड़ा.


अब उस कॉलेज को भैंसों का तबेला बना दिया गया है. यह कॉलेज कुल 16 एकड़ में फैली हुआ है. यहां कई विभाग की बिल्डिंग बनी हुई है. अब यह कॉलेज भैसों तबेला बन चुका है. रिपोर्ट के अनुसार कॉलेज के गेट पर लिखा है कि यह बैंक ऑफ इंडिया की संपत्ति है.


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