Jashn-e-Riwaaz Controversy: क्लोदिंग ब्रांड फैब इंडिया ने सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल होने के बाद दिवाली के लिए अपने नए कलेक्शन का प्रमोशन करने वाले एक ट्वीट को हटा दिया है. ब्रांड पर हिंदुओं के त्योहार दिवाली को "गलत नाम से प्रचारित" करने और इसे जश्न-ए-रिवाज करार देने का आरोप लगाया गया था. बता दें कि कई लोगों ने फैब इंडिया पर हिंदू त्योहार दिवाली को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करने पर जमकर आलोचना की है.


फैब इंडिया ने दिवाली क्लेक्शन को 'जश्न-ए-रिवाज’ का कैप्शन दिया


फैब इंडिया का ट्वीट एक प्रमोशनल पोस्ट था जिसमें मॉडल्स को उनके नए दिवाली 2021 कलेक्शन पहने हुए दिखाया गया था. इस पोस्ट में क्लोदिंग ब्रांड ने तस्वीर के साथ ‘जश्न-ए-रिवाज’ का कैप्शन दिया था. इसके साथ ही फैब इंडिया ने अपनी इस पोस्ट में लिखा था, “फैब इंडिया का जश्न-ए-रिवाज एक ऐसा क्लेक्शन है जो इंडियन कल्चर की खूबसूरती को दिखाता है.” वहीं बवाल मचने के बाद ब्रांड ने अपने इस प्रमोशनल पोस्ट को हटा दिया है.


फैब इंडिया की पोस्ट के बाद मचा बवाल


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फैब इंडिया के इस पोस्ट के बाद ट्विटर पर लोगों के कमेंट्स आने भी शुरू हो गए. आम लोगों ने ही नहीं बल्कि कई नेताओं ने भी फैब इंडिया की इस पोस्ट के लिए काफी आलोचना की. वहीं ट्विटर पर #BoycottFabIndia के तेजी से ट्रेंड करने के बाद तुरंत ब्रांड ने इसे हटा दिया.


बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष ने ट्वीट कर ब्रांड की आलोचना की


वहीं बीजेपी के युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने भी ट्विटर पर एक पोस्ट कर फैब इंडिया के इस प्रमोशनल एड की आलोचना की. उन्होंने अपन ट्वीट में लिखा, “दीपावली जश्न-ए-रिवाज नहीं है, पारंपरिक हिंदू परिधानों के बिना मॉडल का चित्रण करने वाले हिंदू त्योहारों के अब्राह्मीकरण के इस जानबूझकर प्रयास को बाहर किया जाना चाहिए. @FabindiaNews जैसे ब्रांड को ऐसे जानबूझकर किए गए दुस्साहस के लिए इकोनॉमिक कॉस्ट का सामना करना पड़ेगा.”



लोगों ने फैब इंडिया के पोस्ट को सांस्कृतिक रूप से अनुचित बताया


गौरतलब है कि फैब इंडिया का ये ट्वीट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ है. लोगों ने इसे सांस्कृतिक रूप से अनुचित बताया है. जबकि कई यूजर्स ने लिखा कि कैप्शन में सिर्फ 'दिवाली' या 'दीपावली' लिखना ही प्रमोशन के लिए काफी होता. वहीं कुछ लोगों ने कहा कि हिंदू त्योहार दिवाली के अस्तित्व को ही बदलने की कोशिश की जा रही है. वहीं कई लोगों ने लिखा कि हिंदू त्योहारों का महत्व मुस्लिम और ईसाई के समान ही है और उन्हें मिलाना किसी धर्म विशेष का अनादर करने से कम नहीं है.




बता दें कि फैबइंडिया की शुरुआत 1960 में जॉन बिसेल ने की थी और इसका पहला रिटेल स्टोर नई दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में खोला गया था.


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