अनूठा प्रेमः पत्नी की मौत के बाद नहीं दफनाया शव, 21 साल तक लाश के साथ रहा पति
Wife Dead Body: सेना में बतौर डॉक्टर तैनात चार्न की पत्नी जीरावां की साल 2001 में मौत हो गई थी. जीरावां को दिमाग से संबंधी कोई बीमारी थी जिसके चलते उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
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Husband Lives With Wife Dead Body: थाईलैंड में पति-पत्नि के प्रेम की एक अनूठी कहानी सामने आई है. जहां पर एक पति ने पत्नि की मौत के बाद उसके शव का दफनाने की बजाय उसे 21 साल तक एक ताबूत में बंद कर समाज की रीति-रिवाजों के खिलाफ उसे अपने पास रखा. इससे नाराज उनके दोनों बेटे घर छोड़कर चले गए. लेकिन इसका पति के स्वभाव में कोई बदलाव नहीं आया. पति ताबूत में रखे पत्नि के शव से अक्सर बात भी किया करता था. बताया जा रहा है कि पत्नी के शव को अपने पास रखने में उसे कोई कानूनी दिक्कत का सामना ना करना पड़े इसके लिए पति ने कानून की पढ़ाई भी की. लेकिन काफी साल बीत जाने के बाद जब पड़ोस के लोगों का दबाव बढ़ने लगा तो पति ने पूरी रीति-रिवाज के साथ अपनी मृतक पत्नी को दफना दिया.
अस्पताल में हुई थी दोनों की पहली मुलाकात
सेना में बतौर डॉक्टर तैनात चार्न की पत्नी जीरावां की साल 2001 में मौत हो गई थी. जीरावां को दिमाग से संबंधी कोई बीमारी थी जिसके चलते उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान 55 वर्ष की आयु में उसकी मौत हो गई थी. क्योंकि जीरावां का पति उससे बेहद प्यार करता था. इसलिए उसके शव को दफनाने की बजाय वह उसे अपने घर ले आया. हांलाकि, पत्नी की मौत के बाद पति ने उसकी मृत्यु को कानूनी तौर पर रजिस्टर्ड और धार्मिक संस्कार किए. लेकिन पति ने उसकी लाश को नहीं दफनाया. आपको बता दें कि इन दोनों की पहली मुलाकात साल 1972 में सेना के अस्पताल में हुई थी. चार्न सेना में डॉक्टर तो उनकी पत्नी जीरावां अस्पताल में बतौर फार्मेसिस्ट काम किया करती थी. वहीं शादी के बाद दोनों के 2 बच्चे भी हुए.
लेकिन बीते 29 अप्रैल को चार्न ने पड़ोस के बढ़ते दबाव और पत्नी के प्रति अपनी भावनाओं पर काबू रखते हुए पूरे रीति-रिवाजों के साथ स्थानीय प्रशासन को सूचित कर दफनाने की प्रक्रिया को पूरा किया. बता दें कि जिस समय बंद ताबूत से शव को दफनाने के लिए खोला गया. उससे में केवल हड्डियां ही मौजूद थीं. आज के समाज में पत्नी और पति के प्रेम की इस प्रकार की अनोठी कहानी अमूमन कम ही देखने को मिलती है.
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