नार्वे में होती है महज 40 मिनट की रात, रात 1:30 बजे हो जाती है सुबह | जानिए ऐसा क्यों
पृथ्वी के सूर्य का चक्कर लगाने के कारण दिन और रात होते हैं. वहीं यूरोप महाद्वीप के उत्तरी किनारे पर बसे नार्वे के शहर हेमरफेस्ट में महज 40 मिनट के लिए सूर्य अस्त होता है. नार्वे के शहर हेमरफेस्ट में कुल 76 दिनों तक उजाला ही देखने को मिलता है. जो धरती पर किसी भी अद्भुत नजारे जैसा होता है.
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आमतौर पर पृथ्वी के सूर्य का चक्कर लगाने के कारण दिन और रात होते हैं. हर देश में शाम को तकरीबन 6 से 7 के बीच रात का अंधेरा छा जाता है. जो अगले दिन की सुबह को लगभग 10 घंटे की रात के बाद छटता है. वहीं दुनिया में एक ऐसा भी देश हैं जहां के लोगों को महज 40 मिनच की रात देखने को मिलती है.
40 मिनट के लिए होता है अंधेरा
दरअसल यूरोप महाद्वीप के उत्तरी किनारे पर बसे नार्वे के शहर हेमरफेस्ट में महज 40 मिनट के लिए सूर्य अस्त होता है. बताया जाता है कि यहां पर रात को 12:40 के करीब अंधेरा होता है और 40 मिनट के अंदर ही 01:30 के आसपास उजाला देकने को मिल जाता है. इसलिए इसे Country Of Midnight Sun भी कहा जाता है.
76 दिनों तक रहता है उजाला
बात की जाए मई से जुलाई तक के महीने की तो इस दौरान यहां पर सूर्य अस्त ही नहीं होता है. इसके कारण नार्वे के शहर हेमरफेस्ट में कुल 76 दिनों तक उजाला ही देखने को मिलता है. जो धरती पर किसी भी अद्भुत नजारे जैसा होता है. वहीं इसका अनुभव करने के लिए हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक यहां आते रहते हैं.
100 साल से नहीं उगा सूर्य
वहीं नार्वे का एक शहर ऐसा भी है जहां 100 साल से भी ज्यादा समय से सूर्य की किरणें नहीं पहुंची हैं. बताया जाता है कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकी यह शहर चारों ओर से ऊंचे पहाड़ों से घिरा हुआ है. इसलिए सूर्य की किरणें इसकी घरती तक नहीं पहुंच पाती हैं. वहीं इश समस्या का समाधान वैज्ञानिकों ने खोज निकाला है.
बनाया गया आर्टिफिशियल सूर्य
वैज्ञानिकों ने इस शहर के लिए एक आर्टिफिशियल सूर्य बना दिया है. जो की एक शीशे का बना हुआ है और इसे पहाड़ी पर इस तरह से लगाया गया है कि वह क्षितिज पर उगे सूर्य की रोशनी को शहर तक पहुंचाता है. इसी कारण से यह जगह अपने आप में अनोखी है.
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