कमला हैरिस और उषा वेंस को लेकर भारतीयों में हो रहा झगड़ा! वायरल हो रहे यूजर्स के रिएक्शन
इन महिलाओं के भारत में सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने का कारण उनका भारतीय मूल का होना है. हालांकि, अब इसे एक राज्य से जोड़कर देखा जा रही है जो कि विवाद बनता दिख रहा है.
USA Election: अमेरिकी चुनावों में कमला हैरिस की हार के बीच भारतीय मूल की उम्मीदवार रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार जेडी वेंस की पत्नी उषा वेंस के साथ सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में एक दूसरे के खिलाफ खड़ी इन महिलाओं के भारत में सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने का कारण उनका भारतीय मूल का होना है. हालांकि, अब इसे एक राज्य से जोड़कर देखा जा रही है जो कि विवाद बनता दिख रहा है. इसने इंडियन यूजर्स को आपस में बांट दिया है.
तमिल तेलुगु में उलझे भारतीय यूजर्स
ये विवाद है तमिल और तेलुगु का. कुछ लोगों ने तमिल मूल की कमला हैरिस का पक्ष लिया है, वहीं दूसरे लोग तेलुगु मूल की उषा वेंस को सपोर्ट कर रहे हैं. एक्स यूजर्स ने तुरंत इशारा किया कि अमेरिकी मतदाताओं ने तमिल के बजाय तेलुगू को चुना है क्योंकि जेडी वेंस जल्द ही अमेरिकी उपराष्ट्रपति के रूप में कमला हैरिस की जगह ले लेंगे. सोशल मीडिया पर लोग पहले से ही उषा की जीत की घोषणा कर रहे हैं. एक शख्स ने लिखा था, "तो, तेलुगु बिड्डा उषा वेंस ने तमिल कमला हैरिस के खिलाफ जीत हासिल कर ली है. 1956 के बाद तमिलों के खिलाफ तेलुगु लोगों की एक और बड़ी जीत.
यह भी पढ़ें: Viral Video: बवाल के बाद हिंदू लड़के को कनाडा पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार, हैरान कर देगा जमीन पर पटकने का ये वीडियो
इस बात को लेकर ऑनलाइन हो रहा विवाद
अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव अब अमेरिका का न रहकर भारत का भी हो गया है, चुनाव में खड़े उम्मीदवारों को लेकर भारत के लोग खुद में ही बंट गए हैं और तमिल तेलुगु को लेकर एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं. यूजर्स का कहना है कि अगर उषा के पति उपराष्ट्रपति बनते हैं तो यह तेलुगु लोगों की एक बड़ी जीत होगी, जिसमें तमिल लोगों को पराजित कर वह खुश हो रहे होंगे.
यह भी पढ़ें: गंगा नदी में डूबी 4 साल की बच्ची, मां बाप को नहीं लगी भनक, वीडियो देख कांप उठेगा कलेजा
कौन हैं उषा वेंस?
डोनाल्ड ट्रंप के साथी उम्मीदवार जेडी वेंस की पत्नी उषा चिलुकुरी वेंस का परिवार आंध्र प्रदेश से ताल्लुक रखता है. हालांकि उनका जन्म और पालन-पोषण सैन डिएगो में हुआ, लेकिन उनके पैतृक गांव वडलुरु में उनकी सफलता के लिए प्रार्थना की जाती रही है. उनका परिवार 50 साल पहले भारत से चला गया था, लेकिन उन्होंने मंदिरों के लिए जमीन दान करके गांव में योगदान दिया है.
यह भी पढ़ें: झेलम के युद्ध का ऐसा वर्णन नहीं देखा होगा, छात्र की कॉपी देख नहीं रुकेगी हंसी, देखें वायरल पोस्ट