जयपुर पुलिस का फिल्मी स्टाइल! किडनैप हुए लड़के को हिमाचल के होटल में घुसकर दिया सरप्राइज, वीडियो वायरल
जयपुर से किडनैप हुए अनुज की मुश्किल उस वक्त आसान हो गई जब जयपुर पुलिस के अधिकारियों की एक टीम ने उसे खोज निकाला. अधिकारियों ने दरवाजा खोला और उनकी अनुज के सामने मौजूदगी कैमरे में कैद हो गई.
Trending Video: हिमाचल प्रदेश के एक होटल में बंधक बनाए गए एक लड़के को जयपुर पुलिस ने किडनैपर्स के चंगुल से आजाद कराया. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में पुलिस के कुछ जवान होटल के उस कमरे में पहुंचते हैं जहां अनुज नाम के लड़के को किडनैपर्स ने बंधक बनाया हुआ है. इसके बाद वो लड़के को आवाज देते हैं तो लड़का नींद से उठता है और उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता.
राजस्थान पुलिस का फिल्मी अंदाज
जयपुर से किडनैप हुए अनुज की मुश्किल उस वक्त आसान हो गई जब जयपुर पुलिस के अधिकारियों की एक टीम ने उसे खोज निकाला. अधिकारियों ने दरवाजा खोला और उनकी अनुज के सामने मौजूदगी कैमरे में कैद हो गई. पुलिस अधिकारियों ने अनुज को पुकारते हुए कहा कि उठो बेटा हम जयपुर पुलिस हैं, अराम करो हम यहां आपके लिए ही आए हैं. राजस्थान पुलिस ने ऐसा करके एक बड़े हादसे को होने से बचा लिया जिसमें अनुज की जान को खतरा था. वायरल वीडियो की शुरुआत में यह सारा दृश्य दिखाया गया है.
अनुज...जयपुर पुलिस
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) August 27, 2024
जयपुर से 18 अगस्त को अनुज का अपहरण हुआ। किडनैपर मुंह पर टेप, हाथ-पैर बांधकर ले गए। फैमिली से 20 लाख फिरौती मांगी। पुलिस ने पहले आरोपियों को दबोचा, फिर हिमाचल प्रदेश के होटल में पहुंचकर अनुज को रिकवर किया। मास्टरमाइंड वीरेंद्र सिंह, सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। pic.twitter.com/BYZ6bGvUUm
अच्छे कपड़े देख सोचा अमीर घराने का लड़का है
पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि अनुज 18 अगस्त को अपने एक दोस्त के साथ जयपुर के नाहरगढ़ हिल पर गया था, जब वे वहां थे, तो अपहरणकर्ताओं ने अनुज को देखा. उसके अच्छे कपड़े देखकर उन्हें लगा कि वह किसी अमीर परिवार से है. उन्होंने उसका मुंह बंद कर दिया, उसके हाथ-पैर बांध दिए और उसे जबरन गाड़ी में डाल दिया. उन्होंने उसके दोस्त के साथ मारपीट की और उसे सड़क किनारे छोड़कर भाग गए वहां से भाग गए. सूचना मिलने के बाद जयपुर में ब्रह्मपुरी पुलिस मौके पर पहुंची और ड्रोन से तलाशी ली, लेकिन अनुज का पता नहीं चल सका. किसी विवाद के चलते अपहरण की आशंका के चलते पुलिस ने कई टीमें गठित कर कार्रवाई शुरू की.
20 लाख रुपये की मांगी फिरौती
इस दौरान अपहरणकर्ताओं ने अनुज के परिवार से संपर्क किया और 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी. इतनी बड़ी रकम का इंतजाम न कर पाने की वजह से परिवार ने कुछ समय मांगा. इस बीच पुलिस फोन नंबर को ट्रेस कर अपहरणकर्ताओं की तलाश कर रही थी, जो पकड़े जाने से बचने के लिए बार बार जगह बदल रहे थे. आखिरकार उन्होंने परिवार को कालका-शिमला एक्सप्रेस ट्रेन के आखिरी डिब्बे में पैसे पहुंचाने की बात कही.
पांच लोगों की मिलीभगत से घटना को दिया अंजाम
गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान वीरेंद्र सिंह, विनोद, अमित कुमार, जितेंद्र भंडारी और जमुना सरकार के रूप में हुई है. पुलिस के अनुसार, अपहरण का मास्टरमाइंड वीरेंद्र सिंह था, जो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था और उसे अपने बिजनेस में फाइनेंशियल लॉस के चलते यह कदम उठाया. उसने अपने तकनीकी ज्ञान का इस्तेमाल किया और फिरौती के लिए अपहरण की योजना को अंजाम देने के लिए अपने पुराने परिचितों अमित कुमार और विनोद सिंह के साथ-साथ अपनी लिव-इन पार्टनर जमुना सरकार को इस अपराध में शामिल किया.
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