Jarwa Tribe: जहां आज भी गोरा बच्चा पैदा होने पर पिता देता है मौत, काला बच्चा ही हो पैदा इसके लिए महिलाएं करती हैं ये काम
Jarwa Tribe: ये जनजाति करीब 55 हजार सालों से अंडमान निकोबार आइलैंड पर रहती आ रही है. हांलाकि, अब ये जनजाति विलुप्ति को तेजी से बढ़ रही है. अब इस जनजाति में महज 380 लोग ही शेष बचें हैं.
Jarwa Tribe: मानव सभ्यता का इतिहास कई हजार वर्ष पुराना है. पाषाण युग से लेकर आज के आधुनिक युग तक मानव जाति में कई परिवर्तन हुए. लेकिन दुनिया में आज भी कई जनजातियां (Tribes) ऐसे ही हैं जो विकास की इस दौड़ में कहीं पीछे रह गई हैं. ऐसी ही एक जनजाति है जो भारत के सूदूर अंडमान निकोबार (Andaman and Nicobar) में वास करती है. इस जनजाति का नाम जारवा है. जारवा जनजाति (Jarwa Tribe) को लेकर कहा जाता है कि ये करीब 55 हजार सालों से इसी आइलैंड पर रहती आ रही है. हांलाकि, अब ये जनजाति विलुप्ति को तेजी से बढ़ रही है. जानकारी के मुताबिक अब इस जनजाति में महज 380 लोग ही शेष बचें हैं. जो आज भी आदि मानव काल में जी रही है. इस जनजाति के लोग आज भी पेट भरने के लिए शिकार पर ही निर्भर हैं.
इस जनजाति के लोग आज के रॉकेट साइंस के युग में भी धनुष-बाण के जरिए ही शिकार करते हैं. जारवा जनजाति से जुड़ी ऐसे ही कई दिलचस्प बातें हैं जो सुनने वाले को हैरत में डाल देती है. जारवा जनजाति के बारे में ऐसी अनेक हैरतअंगेज बातों में से एक जो सबसे अधिक प्रचलित बात है वो ये कि, इसमें सुंदर बच्चे के जन्म पर मौत की सजा दी जाती है. आइए आपको जारवा जनजाति की इस अजीबोगरीब मान्यता के बारे में विस्तार से बताते हैं.
क्यों मना है बच्चे का गोरा होना
जारवा जनजाति की कोई महिला यदि गोरा बच्चा पैदा करती है तो उसे जन्म लेते ही मार दिया जाता है. जारवा जनजाति में ये प्रथा शुरुआत से ही चली आ रही है. इस प्रकार की दर्दनाक प्रथा के पीछे कारण यह है कि इस जनजाति के लोग डार्क स्किन के होते हैं. ऐसे में अगर कोई महिला गोरे या सुंदर बच्चे को जन्म देती है, तो उसे किसी अन्य जनजाति या समुदाय की निशानी माना जाता है. लिहाजा उसे पैदा होते ही मौत दे दी जाती है. यही नहीं जब कभी भी इस जनजाति में किसी बच्चे का जन्म होता है तो कबीले की सभी महिलाएं नवजात को अपना स्तनपान करवाती है. जारवा जनजाति के लोगों का मानना है कि ऐसा करने से कबीले में एकता बढ़ती है.
काला बच्चा पैदा करने के लिए किया जाता है ये काम
जारवा जनजाति में चूंकि गोरा बच्चा पैदा होने के साथ ही मार दिया जाता है. इसलिए इस कबीले की महिलाओं के लिए ये अति आवश्यक हो जाता है कि वे केवल काला बच्चे को ही जन्म दें. इसके लिए कबीले की गर्भवती महिलाओं को जानवरों का खून पिलाया जाता है. जारवा जनजाति के लोगों का मानना है कि गर्भवती महिला को जानव का खून पिलाने से काला बच्चा ही पैदा होता है. बच्चे से जुड़े एक अन्य हैरान करने वाली प्रथा ये है कि अगर बच्चा गोरा पैदा होता है तो उसका पिता है उसे मार डालता है. वहीं महिलाओं के विधवा होने पर भी बच्चे को मार दिया जाता है.
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