इस देश में फैली जानलेवा 'रहस्यमयी बीमारी', देखते ही देखते सैकड़ों बच्चों को मारा 'लकवा', हर दिन हो रहीं मौतें, सामने आया डरावना VIDEO
पहले तो सबको लगा कि शायद यह परेशानी सिर्फ कुछ समय के लिए ही रहने वाली है. हालांकि जब काफी देर तक यही स्थिति बनी रही तो सभी बच्चों को अस्पताल में एडमिट कराया गया.
केन्या से एक बहुत ही चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां स्थित एक स्कूल में एक रहस्यमयी बीमारी ने तबाही मचा दी है. यह एक ऐसी बीमारी है, जिसने दर्जनों बच्चों के पैरों को लकवा मार दिया है. इसकी वजह से एक साथ कई बच्चे चलने-फिरने में असमर्थ हो गए. किसी को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर उन्हें हो क्या गया है. पहले तो सबको लगा कि शायद यह परेशानी सिर्फ कुछ समय के लिए ही रहने वाली है. हालांकि जब काफी देर तक यही स्थिति बनी रही तो सभी बच्चों को अस्पताल में एडमिट कराया गया.
यह घटना केन्या के सेंट थेरेसा एरेगी गर्ल्स हाई स्कूल में घटी है. इस रहस्यमयी बीमारी (Mysterious Paralysis Disease In Kenya) के कारण सभी लोगों में खौफ पैदा हो गया है. खौफ का एक कारण यह भी है कि 4 अक्टूबर को इस बीमारी की वजह से एक-दो नहीं बल्कि स्कूल में पढ़ने वाले कुल 95 बच्चों की मौत हो गई. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस रहस्यमयी बीमारी के मामलों की संख्या रातोंरात ही 33 बढ़ गई थी. बीमारी का पता तब चला, जब एक साथ कई बच्चों के पैरों ने काम करना बंद कर दिया. जब यह घटना सामने आई तो सभी बच्चों को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया.
स्कूल में हुआ बवाल
इस रहस्यमयी बीमारी के कारण पसरे खौफ की वजह से स्कूल को अगली सूचना तक बंद रखने का ऐलान किया गया है. हालांकि स्कूल को बंद किए जाने से पहले ही इस बीमारी के प्रकोप के बीच कई पैरेंट्स अपने बच्चों को लेने के लिए स्कूल आ गए, जो काफी डराने वाली स्थिति थी. बच्चे चूंकि अपने पैरेंट्स के साथ जाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने स्कूल में हाहाकर मचाना शुरू कर दिया और स्कूल स्टाफ पर पत्थर फेंकने लग गए. यहां तक कि कई वाहनों के शीशे भी तोड़ डाले. इस बवाल के बाद माता-पिता से उनके बच्चों को ले जाने के लिए हस्ताक्षर लिए गए.
बिगड़ सकते हैं हालात!
ऐसा कहा जा रहा है कि अगर इस रहस्यमयी बीमारी को कंट्रोल नहीं किया गया तो स्थिति और ज्यादा विकट हो सकती है. डॉक्टर अब इस बीमारी और इस बीनारी के कारणों का पता लगाने की कोशिश में जुटे हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि बीमारी से पीड़ित बच्चों के ब्लड सैंपल्स केन्या मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (KEMRI) की लेबोरेटरी में भेज दिए गए हैं, ताकि बीमारी के लक्षणों और बचाव के तरीकों का पता लगाया जा सके.
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