Viral Video: सोशल मीडिया पर आपने कई तरह के वीडियो देखे होंगे जहां पर लोग आपस में बहस बाजी करते या फिर लात घूसे चलाते हुए नजर आते होंगे. यह सब कानून को हाथ में लेने वाले काम हैं और इसके लिए सख्त सजा का प्रावधान है. इसके लिए आपको इंसाफ के मंदिर भारतीय न्यायालय में जाना होता है. लेकिन सोचिए अगर इंसाफ का मंदिर ही लात घूसों का अड्डा बन जाए तो आप क्या कहेंगे? जी हां, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा एक वीडियो इस बात की गवाही चीख चीख कर दे रहा है कि दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में कानून को दिनदहाड़े हाथ में लिया गया और जमकर लात घूसे भी चले. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा प्रकरण.


क्लाइंट को लेकर हुआ विवाद झगड़े में बदल गया


दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में तीन दिन पहले एक क्लाइंट के केस को लेकर विवाद हो गया और हालात बिगड़ने पर कानून के रक्षक ही इसके भक्षक बन बैठे.दरअसल, वायरल वीडियो में कोर्ट के वकील एक दूसरे पर जमकर लात घूसे बरसाते दिखाई दे रहे हैं. हैरानी की बात तो ये है कि यह सब दिल्ली पुलिस के जवानों की मौजूदगी में हो रहा था, और पुलिस कर्मी खड़े होकर मुंह ताकने के अलावा कुछ कर भी नहीं सकते थे.फिर भी जैसे तैसे करके पुलिस (Delhi Police) और अन्य वकीलों ने मामले को शांत करा दिया था, लेकिन सोमवार से इस घटना से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. 


देखें वीडियो






वकीलों का MLC कराने से इनकार


इस घटना की सूचना मिलने के बाद  20 जुलाई को शकरपुर थाना पुलिस की टीम एसईएम कोर्ट पहुंची थी. जांच अधिकारी को इस मामले में जानकारी मिली कि दो वकील क्लाइंट से जुड़े मामले को लेकर झगड़ रहे थे. पुलिस ने दोनों वकीलों से मेडिकल जांच (MLC) कराने को कहा था, लेकिन दोनों पक्षों के वकीलों ने इससे इनकार कर दिया.


बार एसोसिएशन में मुद्दा उठाने का चुना विकल्प


दोनों वकीलों ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराने से भी मना कर दिया था. शकरपुर पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराने के बदले, दोनों ने बार एसोसिएशन के समक्ष इस मसले को उठाने का विकल्प चुना था.


यूजर्स के रिएक्शन


वीडियो को Gharkekalesh नाम के एक्स अकाउंट से शेयर किया गया है, जिसे अब तक 95 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है तो वहीं कई लोगों ने वीडियो को लाइक भी किया है.ऐसे में सोशल मीडिया यूजर्स वीडियो को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं भी देते दिख रहे हैं. एक यूजर ने लिखा...जज साहब ऑर्डर ऑर्डर करते रह गए और वकील साहब ने अपने हाथ साफ कर लिए. एक और यूजर ने लिखा....पुलिस के पास बदला लेने का इससे अच्छा मौका नहीं था, लेकिन यह भी हाथ से चला गया. तो वहीं एक और यूजर ने लिखा...लड़ना क्लाइंट के लिए चाहिए था, ये तो आपस में ही लड़ने लगे.


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