Anti Pee Paint: पब्लिक प्लेस पर दीवारों पर टॉयलेट करने की प्रथा न जाने कब से चली आ रही है. ये समस्या भारत में तो लोगों को परेशान कर ही रही है, लेकिन अब लंदन के नागरिक भी लोगों की इस हरकत से आक्रोशित हो गए हैं. अपनी नाइटलाइफ के लिए फेमस और हजारों लोगों का घर सोहो में बड़ी संख्या में नागरिक खुले में पेशाब करने वालों से परेशान हैं. सोहो लंदन का एक जिला है, जहां घर से निकलते ही लोगों को पेशाब की बदबू का सामना करना पड़ता है. हालांकि लोगों की तमाम शिकायतों के बाद अब प्रशासन ने इसके खिलाफ एक कड़ा रुख अख्तियार किया है.
दरअसल, लंदन प्रशासन ने लोगों को खुले में पेशाब करने से रोकने के लिए एक अनोखा फैसला किया है. अगर आप यह सोच रहे हैं कि ऐसे लोगों पर जुर्माना या जेल की सजा का ऐलान हुआ होगा तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. प्रशासन ने इस समस्या से निपटने के लिए जिले की दीवारों को पेशाब रोधी पेंट से रंगने का फैसला किया है. यह कदम लंदन में वेस्टमिंस्टर सिटी काउंसिल को स्थानीय नागरिकों से शिकायतें मिलने के बाद उठाया गया है. यानी कि अब लोगों को पब्लिक प्लेस पर पेशाब करने से पहले हजार बार सोचना होगा, क्योंकि अगर वे ऐसा करते हैं तो पेशाब उनपर ही उछलकर वापस आएगा.
क्या है 'पेशाब रोधी पेंट' का कमाल?
दीवारों को रंगने के लिए जिस पेशाब रोधी पेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है, उस पेंट की खासियत यह है कि जिस भी दीवार पर यह लगेगी, उसपर दीवार पर पानी बाउंस करेगा. अगर कोई व्यक्ति पेशाब रोधी पेंट वाली दीवार पर टॉयलेट करने की कोशिश करेगा तो पेशाब की धार उसी व्यक्ति पर बाउंस होकर वापस चली जाएगी. इस पेंट का इस्तेमाल इससे पहले जर्मनी में ऐसे लोगों की लगाम कसने के लिए हुआ है.
सड़कों की सफाई का खर्च होगा कम
वेस्टमिंस्टर सिटी काउंसिल ने सोहो के 10 हॉटस्पॉट पर दीवारों पर ये पेंट करने का फैसला किया है. यही नहीं, दीवारों पर एक मैसेज भी लिखा जा रहा है कि 'यह दीवार पेशाब करने के लिए नहीं है'. बता दें कि वेस्टमिंस्टर हर साल सड़कों की सफाई के लिए लगभग 1.24 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च करता है. इस खर्च में पीड-ऑन साइड सड़कों को ढंकना भी शामिल है. अगर पेशाब रोधी पेंट से ज्यादा दीवारे रंग दी जाएंगी तो सड़कों की साफ-सफाई पर होने वाला खर्च काफी हद तक कम हो जाएगा.
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