(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Viral Video: इस शख्स ने लिया समुद्र के अंदर 100 दिनों तक रहने का चैलेंज! जानें इसके पीछे क्या है वजह?
दक्षिण फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जो डिटुरी ने पानी के अंदर बने एक कमरे में यह एक्सपेरिमेंट करने का फैसला किया है, जिसमें वे पूरे 100 दिन के लिए ठहरेंगे.
एक आदमी ने 100 दिनों तक पानी के अंदर रहने का फैसला किया है. उसने यह फैसला यह पता लगाने के लिए किया है कि इससे उसके शरीर पर क्या-क्या प्रभाव पड़ सकते हैं. दुनियाभर में तरह-तरह के एक्सपेरिमेंट्स होते हैं, उन्हीं एक्सपेरिमेंट्स में एक यह भी शामिल है. अब आप सोच रहे होंगे कि 100 दिनों तक कोई पानी में कैसे रह सकता है. दरअसल, दक्षिण फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जो डिटुरी ने पानी के अंदर बने एक कमरे में यह एक्सपेरिमेंट करने का फैसला किया है, जिसमें वे पूरे 100 दिन के लिए ठहरेंगे और इस बात का पता लगाएंगे कि पानी के अंदर रहने से शरीर पर क्या नुकसान या फायदे होते हैं.
जो डिटुरी ने 1 मार्च को यह एक्सपेरिमेंट शुरू किया था. 'डॉ डीप सी' के रूप में अपने इंस्टाग्राम हैंडल से जाने जाने वाले डिटुरी ने तीन महीने तक समुद्र को अपना 'घर' बनाने का फैसला किया है. यूनिवर्सिटी द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, डिटुरी समुद्री वातावरण को पुनर्जीवित करने के नए तरीके खोजने के लिए यह एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं. डिटुरी ने बायोमेडिकल इंजीनियरिंग से पीएचडी की है. वो ऐसी मेडिकल टेक्नोलॉजी को भी टेस्ट करेंगे, जो लोगों में होने वाली कई तरह की बीमारियों को रोक सके.
पानी के 30 फीट नीचे
जो डिटुरी पानी के 30 फीट नीचे ये एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं. वो पूरे 100 दिनों तक यानी 3 महीने से ज्यादा वक्त यहां बिताएंगे. रिटायर्ड अमेरिकी नेवी कमांडर से प्रोफेसर बने डिटुरी इस एक्सपेरिमेंट के लिए सबसे अलग-थलग रहेंगे. इस अनोखे प्रयोग को 'नेप्च्यून 100' नाम दिया गया है. यूनिवर्सिटी की एक प्रेस रिलीज के मुताबिक, अगर यह मिशन सफल रहता है तो डिटुरी सबसे लंबे समय तक पानी के नीचे रहने के साथ-साथ जमीन पर महसूस किए गए दबाव का 1.6 गुना ज्यादा दबाव झेलने का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ देंगे.
बारीकी से रखी जाएगी नजर
दक्षिण फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के एक दूसरे बयान के मुताबिक, डॉ. डीप सी ने कहा, 'इंसान कभी भी इतने लंबे वक्त तक पानी के अंदर नहीं रहा है. यही वजह है कि मुझ पर इस एक्सपेरिमेंट के दौरान बारीकी से नजर रखी जाएगी. इस एक्सपेरिमेंट में हर उस तरीके की जांच होगी, जिससे यह पता चल सके कि पानी के अंदर इंसान का शरीर कैसे प्रभावित होता है.