हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसके बाद  मेडिकल क्षेत्र में तकनीक के योगदान को फिर से समझने की कोशिश की जा रही है . पूरा मामला एक 65 साल के बुजुर्ग शख्स से जुड़ा है.शख्स को गिरने की वजह से गंभीर चोट आई थी. बुजुर्ग शख्स का दायां कूल्हा डिस्लोकेट होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सबसे अहम बात ये कि इस शख्स की पहले ही आर्थ्रोप्लास्टी की जा चुकी थी जिसकी वजह से ये केस और ज्यादा क्रिटिकल हो चुका था. आर्थ्रोप्लास्टी में सर्जरी के जरिए खराब हो चुके जोड़ों को बदल दिया जाता है. हालांकि इस पूरे केस में अच्छी बात ये थी कि बुजुर्ग शख्स को कूल्हे के अलावा कोई दूसरी चोट नहीं लगी थी.


पल्स के साथ सुनाई दिया म्यूजिक

वहीं इस मामले में डॉक्टर्स ने जांच के लिए हैंडी डॉप्लर डिवाइस का इस्तेमाल किया तो चौंकाने वाली चीज सामने आई. दरअसल पैर की स्थिति जानने के लिए डॉक्टर्स ने पैर की नसों की जांच शुरू की थी. इस दौरान डॉक्टर्स ने जब डिवाइस को डॉरसेल पैडिस पर रखा तो डिवाइस से जुड़े स्पीकर पर पल्स के साथ एक म्यूजिक भी सुनाई देने लगा. म्यूजिक सुनकर डॉक्टर्स की टीम हैरत में पड़ गई.


अलग-अलग डिवाइस इस्तेमाल करने पर भी सुना म्यूजिक

डॉक्टर्स ने इसे समझने के लिए कई बार अलग-अलग डिवाइस का भी इस्तेमाल किया. लेकिन जब भी बुजुर्ग पर इसका इस्तेमाल किया गया तो म्यूजिक सुनाई देने लगा. लेकिन जब उसी डॉप्लर डिवाइस के जरिए हॉस्पिटल के स्टाफ मेंबर की जांच की गई तो कोई संगीत सुनाई नहीं दिया.


इस पूरे मामले को लेकर अलग-अलग राय सामने आ रही हैं. शुरुआती जांच में माना जा रहा है कि मरीज के शरीर में लगे प्रोस्थेटिक कूल्हों की वजह से डॉप्लर डिवाइस ने कोई नजदीकी रेडियो सिगनल पकड़ लिया होगा. लेकिन अभी ये सिर्फ एक अनुमान भर ही था. हालांकि अस्पताल की तरफ से इस मामले की जांच इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को सौंपी गई . इस पूरे प्रकरण के दौरान किसी भी मेडिकल उपकरण में खामी नहीं मिली. हालांकि इस घटना के करीब आठ महीनों बाद शख्स पूरी तरह से ठीक हो चुका है.


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